नई दिल्ली, 26 जुलाई: गुरुवार को लोकसभा में जोरदार हंगामे की वजह से निचले सदन की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पड़ा। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के बीच तीखी नोकझोंक के कारण सदन में बाधा उत्पन्न हुई। वहीं, राज्यसभा में बजट पर चर्चा शांतिपूर्ण तरीके से चली।
लोकसभा में हंगामा:
सदन की कार्यवाही के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार देश की संपत्तियों को बेच रही है और ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह बर्ताव कर रही है। इस पर केंद्रीय राज्य रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बिट्टू ने चन्नी पर भ्रष्टाचार और संपत्ति से संबंधित आरोप लगाए, जिससे सदन में हंगामा बढ़ गया।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा सत्तापक्ष की कुर्सी पर बैठने को लेकर भी विवाद हुआ, जिससे सदन में और अधिक अव्यवस्था फैली। हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही पहले 35 मिनट और फिर दो बार बाधित हुई। इस दौरान सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।
राज्यसभा में शांतिपूर्ण चर्चा:
वहीं, राज्यसभा में बजट पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने बजट आबंटन में उनके राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाया। वाईआरएस कांग्रेस पार्टी के सांसद केवी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि बजट में आंध्र प्रदेश को 48 लाख करोड़ रुपए दिए जाने की बात कही गई है, लेकिन वास्तविकता इससे उलट है। उन्होंने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश को कर्ज के ब्याज सहित भुगतान करना होगा।
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी बजट पर सरकार की आलोचना की। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के फैसले के बाद नियम 267 के तहत कोई नोटिस दायर नहीं किया गया, जिससे सदन में सामान्य तरीके से चर्चा हो सकी।
लोकसभा में हंगामे और विवाद के कारण कार्यवाही बाधित हुई, जबकि राज्यसभा में बजट पर चर्चा शांतिपूर्ण तरीके से चली। विपक्षी दलों ने बजट में उनके राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाया, जिससे सदन में तीखी बहस हुई। दोनों सदनों में हुई घटनाओं ने देश के राजनीतिक वातावरण में तनाव को उजागर किया।