राष्ट्रीय राजधानी में कल एक दुखद घटना घटी जब भारी बारिश के कारण ओल्ड राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बाढ़ आ गई, जिससे तीन छात्रों की मौत हो गई। इस घटना ने व्यापक आक्रोश पैदा किया है और सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, छात्र उस समय बेसमेंट में फंस गए जब बाढ़ का पानी अचानक बढ़ने लगा, जिससे उनके पास बचने का थोड़ा मौका रह गया। एक छात्र, जो बचने में कामयाब रहा, ने कहा, “हम बेसमेंट में पढ़ रहे थे जब पानी बढ़ने लगा। हमने बचने की कोशिश की, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।”
दिल्ली फायर सर्विस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त बचाव अभियान शुरू किया, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ के कारण उनके प्रयासों में बाधा आई। एक दिल्ली फायर सर्विस अधिकारी ने कहा, “भारी बारिश के कारण मौके पर पहुंचने में हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारी टीमों ने छात्रों को बचाने के लिए अथक प्रयास किए।”
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया है और मुख्य सचिव को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। कोचिंग सेंटर का लाइसेंस जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है।
आज कोचिंग सेंटर के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए, जहां छात्रों और स्थानीय लोगों ने पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “यह स्पष्ट रूप से लापरवाही का मामला है। कोचिंग सेंटर को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवारों के लिए ₹10 लाख की अनुग्रह राशि की घोषणा की है और प्रभावित छात्रों के लिए सहायता का आश्वासन दिया है।
जबकि शहर युवा जीवन के इस नुकसान का शोक मना रहा है, कोचिंग सेंटरों और शैक्षणिक संस्थानों में सुरक्षा उपायों के बारे में सवाल उठ रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “यह घटना भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल की आवश्यकता को उजागर करती है।”
जांच जारी है, जिसमें बाढ़ के कारण, सुरक्षा उपायों, और कोचिंग सेंटर के नियमों के पालन पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
बाढ़ के प्रति संवेदनशील शहर में, यह घटना तैयारियों और जवाबदेही की आवश्यकता की कड़ी याद दिलाती है।