सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में जानकारी दी कि पिछले 10 वर्षों में देश की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता में लगभग 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो जून 2024 तक 4,46,190 मेगावाट हो गई है। बिजली राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि मार्च 2014 में स्थापित क्षमता 2,48,554 मेगावाट थी, जो जून 2024 तक बढ़कर 4,46,190 मेगावाट हो गई।
उन्होंने कहा कि कोयला आधारित बिजली की स्थापित क्षमता मार्च 2014 में 1,39,663 मेगावाट थी, जो इस साल जून में बढ़कर 2,10,969 मेगावाट हो गई। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की स्थापित क्षमता मार्च 2014 में 75,519 मेगावाट थी, जो जून 2024 में 1,95,013 मेगावाट हो गई।
मंत्री ने बताया कि भारत का ‘ग्रिड’ दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत ‘ग्रिड’ में से एक है, जिससे पूरे देश को एक ‘ग्रिड’ में जोड़ने के बाद भारत एक एकीकृत बिजली बाजार में बदल गया है। अब वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) देश के किसी भी कोने में किसी भी उत्पादक से सबसे सस्ती दरों पर बिजली खरीद सकती हैं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए सस्ती बिजली उपलब्ध हो सकती है।