वायनाड हादसे के बाद सरकार 6 राज्यों को ग्रीन प्रोटेक्शन देने की तैयारी

After the Wayanad accident, the government is preparing to give green protection to 6 states
After the Wayanad accident, the government is preparing to give green protection to 6 states

ESA का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी

वायनाड में हाल ही में आई भूस्खलन त्रासदी में सैकड़ों लोगों की जान जाने के बाद सरकार ने पश्चिमी घाट को इकॉलॉजिकली सेंसिटिव एरिया (ESA) घोषित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने इस क्षेत्र को ग्रीन प्रोटेक्शन देने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें वायनाड के उन गांवों को भी शामिल किया गया है जहां भूस्खलन के कारण भारी नुकसान हुआ था।

ड्राफ्ट में क्या है?

  • क्षेत्र का दायरा: ESA के लिए 6 राज्यों के कुल 59,940 स्क्वायर किलोमीटर इलाके को चुना गया है, जो पश्चिमी घाट का लगभग 37% हिस्सा है। पहले जारी ड्राफ्ट में यह दायरा 75% तक था, लेकिन अब इसे घटाकर 37% किया गया है।
  • पार्श्वभूमि: इस ड्राफ्ट को पहले वाले नोटिफिकेशन के एक्सपायर हो जाने के बाद तैयार किया गया है। 2022 में भी ऐसा ड्राफ्ट जारी किया गया था, लेकिन इसे फिर से रिन्यू किया गया है।
  • सिफारिशें: पर्यावरणविद माधव गाडगिल की 2011 की रिपोर्ट पर आधारित यह ड्राफ्ट है, जिसमें पश्चिमी घाट के एक बड़े हिस्से को ESA के तहत लाने की सिफारिश की गई थी।

ESA का महत्व

ESA के तहत घोषित क्षेत्रों में खनन, रेत खनन, थर्मल पावर प्लांट और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर पूरी तरह से पाबंदी होती है। इसके अलावा, नए टाउनशिप प्रोजेक्ट्स की शुरुआत भी यहाँ नहीं की जा सकती। हालांकि, हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स और कम प्रदूषण करने वाले उद्योगों को शर्तों के साथ अनुमति दी जा सकती है।

प्रस्तावित राज्यों और अगली प्रक्रिया

ड्राफ्ट में गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के पश्चिमी घाट के इलाके शामिल किए गए हैं। अब इन राज्यों को इस प्रस्ताव पर अपनी राय देने का समय दिया गया है। केरल के पर्यावरण मंत्री ए.के. शशिधरन ने कहा है कि वह फिलहाल आपदा प्रबंधन में व्यस्त हैं और इस ड्राफ्ट को पूरा ध्यान नहीं दे सके हैं, लेकिन यह एक जटिल मुद्दा है।

अतीत की जटिलताएं

पहले भी राज्य सरकारों ने इस ड्राफ्ट पर कई सवाल उठाए हैं और केंद्र सरकार ने कई बार राज्यों के साथ बैठकें की हैं। पश्चिमी घाट को जैव विविधता के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां, मछलियां, चिड़ियां और अन्य जीव पाए जाते हैं।

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