टाटा की सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण शुरू: असम में महत्वपूर्ण कदम

Tata's semiconductor unit construction begins Important step in Assam
Tata’s semiconductor unit construction begins Important step in Assam

भारत की सेमीकंडक्टर निर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए असम में टाटा की सेमीकंडक्टर यूनिट के निर्माण की शुरुआत की गई है। यह परियोजना भारतीय अर्थव्यवस्था और तकनीकी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य देश में सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूती प्रदान करना है।

यह परियोजना 29 फरवरी 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित की गई थी और अब इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इस यूनिट में 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जो इसे भारत की सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में से एक बनाता है। इस परियोजना के अंतर्गत 15,000 प्रत्यक्ष और 11,000 से 13,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा, जो स्थानीय रोजगार के अवसरों को बढ़ाएगा।

इस सेमीकंडक्टर यूनिट की प्रस्तावित क्षमता प्रतिदिन 4.83 करोड़ चिप्स का उत्पादन करने की होगी। इसके साथ ही, यह यूनिट भारत में उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग तकनीकों के विकास के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करेगी। इसमें वायर बॉन्ड, फ्लिप चिप, और आई-एसआईपी (इंटीग्रेटेड सिस्टम इन पैकेज) जैसी प्रौद्योगिकियों को शामिल किया जाएगा। ये प्रौद्योगिकियां ऑटोमोटिव, संचार, नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर, और अन्य प्रमुख अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत के 113 शैक्षणिक संस्थानों में चिप डिजाइन पर बी.टेक, एम.टेक, और पीएचडी स्तर की शिक्षा दी जा रही है। इनमें से 9 संस्थान पूर्वोत्तर भारत में स्थित हैं:

  • असम: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिलचर
  • मिजोरम: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मिजोरम
  • मणिपुर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मणिपुर
  • नागालैंड: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान नागालैंड
  • त्रिपुरा: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान अगरतला
  • सिक्किम: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिक्किम
  • अरुणाचल प्रदेश: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान अरुणाचल प्रदेश
  • मेघालय: नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, शिलांग
  • मेघालय: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान मेघालय

केंद्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस परियोजना के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘एक्ट ईस्ट’ पॉलिसी के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने इस परियोजना को भारत के सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

यह परियोजना न केवल तकनीकी विकास को बढ़ावा देगी बल्कि भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगी। इसके साथ ही, यह भारत की आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देगा और उच्च गुणवत्ता वाली चिप्स के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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