हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी, अब तक 77 लोगों की मौत, 45 लापता लोगों की तलाश में जुटी सेना

Heavy rain warning in Himachal Pradesh, 77 people dead so far, Army searching for 45 missing people
Heavy rain warning in Himachal Pradesh, 77 people dead so far, Army searching for 45 missing people

हिमाचल प्रदेश में 7 अगस्त तक भारी बारिश का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है। मानसून की शुरुआत 27 जून को हुई थी और 1 अगस्त तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 77 लोगों की जान गई है।

हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने के बाद 45 लोग लापता हो गए हैं। बचाव अभियान जारी है लेकिन शनिवार देर शाम तक किसी सफलता की सूचना नहीं थी। पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में 114 सड़कों पर यातायात बंद हो गया है।

बारिश से संबंधित घटनाओं में राज्य को 655 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, एसडीआरएफ, सीआइएसएफ, पुलिस और होमगार्ड की कुल 410 बचावकर्मी ड्रोन की मदद से खोज अभियान में जुटे हैं।

मुख्य घटनाएं:

  • कुल्लू: कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में बादल फटने से आई बाढ़ में आठ लोगों की मौत हो चुकी है।
  • मुख्य सचिव का बयान: मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि कुल्लू में श्रीखंड महादेव के आसपास फंसे करीब 300 लोग सुरक्षित हैं। मलाणा में करीब 25 पर्यटकों की भी स्थानीय लोग अच्छी देखभाल कर रहे हैं।
  • मुख्यमंत्री का दौरा: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रामपुर के समेज गांव का दौरा किया, जहां 30 से अधिक लोग लापता हैं। उन्होंने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपए की तत्काल राहत की घोषणा की और अगले तीन महीनों के लिए 5,000 रुपए मासिक किराए के रूप में देने का आश्वासन दिया। साथ ही गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी प्रदान की जाएंगी।

भारी बारिश के कारण अवरुद्ध चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग का एक हिस्सा बहाल कर दिया गया है। हालांकि, मंडी और पंडोह के बीच का मार्ग भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया था, जिसे खोलने में 10 घंटे लगे।

इस आपदा में 115 घर, 23 गौशालाएं, 10 दुकानें और तीन मछली फार्म नष्ट हो गए हैं।

मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को किराए और अन्य आवश्यकताओं के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

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