15 अगस्त के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए आसान और प्यारी कविताएं इस तरह की हो सकती हैं:
कविता 1
मेरा प्यारा देश
प्यारा प्यारा मेरा देश,
सबसे न्यारा मेरा देश।
दुनिया जिस पर गर्व करे,
वो जगमग सितारा मेरा देश।
गंगा जमुना की माला का,
फूलों वाला मेरा देश।
अंतरिक्ष में ऊंचा जाता,
प्यारा प्यारा मेरा देश।
इतिहास में बढ़ चढ़ कर,
नाम लिखाए मेरा देश।
नित नए चेहरों में,
मुस्कानें लाता मेरा देश।।
जय हिंद… जय भारत
कविता 2
उठो, धरा के अमर सपूतों
उठो, धरा के अमर सपूतों,
पुन: नया निर्माण करो।
जन-जन के जीवन में
फिर से नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो।
नई प्रात है नई बात है,
नई किरन है, ज्योति नई।
नई उमंगें, नई तरंगें,
नई आस है, सांस नई।
युग-युग के मुरझे सुमनों में,
नई-नई मुस्कान भरो।
उठो, धरा के अमर सपूतों,
पुन: नया निर्माण करो।।
कविता 3
माखनलाल चतुर्वेदी की कविता
प्यारे भारत देश,
गगन-गगन तेरा यश फहरा,
पवन-पवन तेरा बल गहरा।
क्षिति-जल-नभ पर डाल हिंडोले,
चरण-चरण संचरण सुनहरा।
वेदों से बलिदानों तक जो होड़ लगी,
प्रथम प्रभात किरण से हिम में जोत जागी।
उतर पड़ी गंगा खेतों खलिहानों तक,
मानो आँसू आये बलि-महमानों तक।
कविता 4
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला।
वीरों को हरषाने वाला,
मातृभूमि का तन-मन सारा।
झंडा ऊंचा रहे हमारा।
कविता 5
सारे जहाँ से अच्छा
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा,
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा।
ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में,
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा।
कविता 6
स्वतंत्रता का पर्व
स्वतंत्रता का पर्व है आज,
सुरज चमक रहा है राज।
हर दिल में उमंग है,
हर चेहरे पर खुशी की रंग है।
शहीदों की शहादत को याद करो,
उनकी कुर्बानी का सम्मान करो।
झंडा ऊंचा लहराए,
हर भारतवासी गर्व से गाए।
कविता 7
हम सब हैं एक
हम सब हैं एक,
रंग और भाषा का भेद न देख।
हर दिल में बसी है ममता,
हम सभी की है यही सच्ची प्रेम की कथा।
चाँद सितारे भी न छुपा पाए,
हमारी स्वतंत्रता की रौशनी को।
सपनों की उड़ान भरते चलो,
भारत की शान को ऊँचा करते चलो।
कविता 8
आज़ादी की सुबह
आज़ादी की सुबह आई है,
हर दिल में खुशी की लहर आई है।
सपनों की नई दुनिया सजाई है,
भारत माँ ने हमसे जो अपेक्षा जताई है।
हर बच्चे का सपना चमकता,
हर देशवासी का दिल झूमता।
सपनों को हकीकत बनाना है,
माँ की आभा को हर कोने में फैलाना है।
कविता 9
भारत की शान
भारत की शान बढ़ाते चलो,
गर्व से सिर ऊँचा करते चलो।
हर एक गली में, हर एक गांव में,
स्वतंत्रता का पर्व मनाते चलो।
चरणों में देश की धरती है बसी,
हर दिल में माँ की ममता है सही।
हम सब मिलकर एक साथ गाए,
भारत की जयकार हम सब लगाए।
कविता 10
स्वतंत्रता की खुशी
स्वतंत्रता की खुशी छाई है,
हर मन में उमंग समाई है।
जन्मभूमि की आज़ादी का महोत्सव,
हर दिल में गूंजे धुन की मधुरस्व।
हर गली और हर चौराहा,
खुशियों से सजा है जैसे कोई सपना।
देशभक्ति का संकल्प लेंगे,
माँ के आँचल में समाएंगे।
कविता 11
भारत की धरोहर
भारत की धरोहर, सबसे प्यारी,
संस्कृति की दीपशिखा, सबसे न्यारी।
हमें सिखाते हैं स्वतंत्रता के गुण,
सपनों की उड़ान, लिए हम सब एक साथ।
विविधता में एकता की हमारी पहचान,
हर दिल में बसी है देशभक्ति की जान।
नयी ऊँचाईयों की ओर हम बढ़ते,
भारत की धरोहर को हम सजाते।
कविता 12
माँ की दुआ
माँ की दुआ है, देश को ऊँचा उठाना,
हर बच्चे को उसका सपना पूरा करना।
रात की चाँदनी में सितारे चमकते,
स्वतंत्रता की सुबह की किरणें मुस्कुरातीं।
हर दिल में जोश का दीप जलाते,
आज़ादी के रंग को हर दिल में भरते।
माँ की दुआ को साकार करते,
भारत को सजाते और गौरवमयी बनाते।
कविता 13
झंडा ऊँचा रहे
झंडा ऊँचा रहे, झंडा प्यारा रहे,
सपनों की ऊँचाई को हम और बढ़ाएं।
हर दिल में जोश और उत्साह जगाए,
भारत की शान को ऊँचा बनाएँ।
कदम-कदम पर सच्ची आज़ादी की लहर,
हम सब मिलकर बनाते भारत को विशेष।
हम सब मिलकर एक साथ गाएँ,
स्वतंत्रता का पर्व हम हर्ष से मनाएँ।
कविता 14
खुशियों की बरसात
स्वतंत्रता के इस खास दिन पर,
खुशियों की बरसात होती है।
हर दिल में उमंग और खुशी की लहर,
भारत के तिरंगे की शान बढ़ाती है।
सपनों को साकार करते चलो,
हर एक को अपने देश से प्यार जताते चलो।
आज़ादी की इस खुशी को फैलाते,
भारत माँ की जयकार लगाते।
कविता 15
स्वतंत्रता का रंग
स्वतंत्रता का रंग है लाल,
हर दिल में बसी इसका जज़्बा खास।
सपनों की नई सुबह के संग,
हम सभी मिलकर गाएँ स्वतंत्रता का संग।
आज़ादी का पर्व हर घर में छाए,
देशभक्ति की भावना हर दिल में समाए।
हम सब मिलकर स्वतंत्रता का जश्न मनाएँ,
भारत को अपनी खुशी से सजाएँ।
कविता 16
भारत की गाथा
भारत की गाथा, अनमोल कहानी,
संस्कृति की चादर, बहुमूल्य निशानी।
हर पर्व, हर दिन की खासियत,
स्वतंत्रता का उत्सव, सबकी मनोहर बात है।
गौरव के झंडे को ऊँचा उठाएँ,
देशभक्ति की भावना में खो जाएँ।
हम सभी मिलकर एक संग गाएँ,
भारत की महानता को मनाएँ।
कविता 17
फूलों की तरह
फूलों की तरह हर एक बच्चा,
देश की खुशियों को फैलाए बिना थके।
हर रंग, हर खुशी का मिलन,
स्वतंत्रता का यह पर्व है सबका स्वप्न।
हर दिल में बसी है आज़ादी की बात,
हर चेहरे पर खुशी की सौगात।
माँ की ममता से लिपटी आज़ादी,
हम सब मिलकर बनाते इसे खास।
कविता 18
चमकते तारे
चमकते तारे, हमारे देश के प्रतीक,
स्वतंत्रता की रौशनी का अद्भुत संकेत।
हर चमक में छुपा है सपना हमारा,
देश की प्रगति का गहरा किनारा।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी की छाँव,
हम सभी मिलकर बढ़ाएँ इसका पांव।
हर दिल में बसी है देशभक्ति की बात,
स्वतंत्रता का पर्व है सबकी सौगात।
कविता 19
देशभक्ति का नारा
देशभक्ति का नारा, हर दिल में गूंजे,
स्वतंत्रता का पर्व, हर खुशी में समा जाए।
सपनों की ऊँचाई, देश की शान,
हम सभी मिलकर गाएँ इसे महान।
हर एक दिल में उमंग और उत्साह,
देश की खातिर हो हर एक प्रयास।
हम सब मिलकर स्वतंत्रता का उत्सव मनाएँ,
भारत की उन्नति का सपना सजाएँ।
कविता 20
हर दिन स्वतंत्रता
हर दिन स्वतंत्रता का उत्सव है,
हर दिल में देशभक्ति का सबक है।
स्वतंत्रता की यह सुबह, नई शुरुआत,
हर चेहरे पर खुशी की चाँदनी रात।
सपनों के रंग से सजाएँ अपना देश,
हर खुशी को मनाएँ, हर दिल को खुश।
आज़ादी की यह सुबह नई बात,
भारत की ऊँचाई का यह सुनहरा साथ।
कविता 21
स्वतंत्रता का ताज
स्वतंत्रता का ताज सजाएँ,
हर दिल में प्रेम की लहर उठाएँ।
जश्न का यह पर्व, खुशी का दिन,
हम सब मिलकर मनाएँ इसे हर घर में, हर बिन।
माँ की ममता, शहीदों का बलिदान,
हर बच्चे में हो देशभक्ति का संजीवनी समान।
स्वतंत्रता का ये पर्व, सबका है सपना,
हम सब मिलकर गाएँ, बढ़ाएँ इसकी शान।
कविता 22
देश की धड़कन
देश की धड़कन, दिल से जुड़ी,
स्वतंत्रता का पर्व, हर दिल को छूती।
हम सब मिलकर गाएँ देश का गीत,
हर खुशी में बसी हो आज़ादी की रीत।
सपनों की ऊँचाई, खुशी का उत्सव,
हर बच्चे का हर्ष, हर दिल का उत्सव।
हम सब मिलकर गाएँ भारत की जय,
स्वतंत्रता का जश्न मनाएँ हम सजग, हर्षित, और सचेत।
कविता 23
आज़ादी का रंग
आज़ादी का रंग, हर दिल में छाया,
हर घर में खुशी की लहर लाया।
हर चेहरे पर हंसती स्वतंत्रता,
सपनों की नई सुबह की सच्चाई।
हम सब मिलकर गाएँ गान,
स्वतंत्रता का पर्व है सबका मान।
हर दिल में बसी है देशभक्ति की बात,
आज़ादी का उत्सव, सबकी खुशी की सौगात।
कविता 24
देश की सुबह
देश की सुबह, सुनहरी और प्यारी,
स्वतंत्रता की चाँदनी, हर दिल को भाए।
हर बच्चे का सपना, हर दिल की धड़कन,
भारत माँ की शान, सबकी आत्मा की चमक।
सपनों की उड़ान, आज़ादी की लहर,
हम सब मिलकर सजाएँ यह महापर्व।
देशभक्ति का रंग, हर दिल में बसा,
स्वतंत्रता का पर्व, सबको खुशी से चाँदनी दिखा।
कविता 25
सपनों की ऊँचाई
सपनों की ऊँचाई, स्वतंत्रता की चाह,
हर दिल में बसी है एक नई राह।
हम सब मिलकर गाएँ इस पर्व की गाथा,
स्वतंत्रता की चाँदनी में छुपी है सारी बाता।
देश की तरक्की, हर दिल की खुशी,
हम सब मिलकर मनाएँ, यह जश्न हो बड़ी।
आज़ादी का रंग, हर जगह बिखरे,
हम सब मिलकर, स्वतंत्रता का गीत गाएँ।
कविता 26
आज़ादी की खुशबू
आज़ादी की खुशबू फैले हर ओर,
हर दिल में गूंजे, हर मन में हो जोर।
सपनों की ऊँचाई, देश की शान,
हम सब मिलकर मनाएँ स्वतंत्रता का प्रण।
हर बच्चे की मुस्कान में बसी आज़ादी,
हर दिल में हो, देशभक्ति की आदाबी।
स्वतंत्रता की यह शाम, सुनहरी और प्यारी,
हम सब मिलकर मनाएँ, ख़ुशियाँ बनाएं नारी।
कविता 27
माँ की धरोहर
माँ की धरोहर, अमूल्य और नायाब,
स्वतंत्रता का पर्व, सबको है प्यारा और प्रिय।
हर दिल में बसी है उसकी ममता की बात,
हम सब मिलकर मनाएँ, इस पर्व का साथ।
सपनों की ऊँचाई, खुशियों की बातें,
हम सब मिलकर सजाएँ, स्वतंत्रता के नारे।
देश की तरक्की, हर दिल की ख़ुशी,
आज़ादी का यह पर्व, सबको लुभाए।
कविता 28
स्वतंत्रता का संगीत
स्वतंत्रता का संगीत गूंजे हर दिल में,
खुशियाँ बिखेरे, जैसे हो जादू की बिन।
हर बच्चे की आँखों में बसी हो चाँदनी,
स्वतंत्रता की राह पर हो हर दिल की वाणी।
सपनों की ऊँचाई, आशाओं की कसरत,
हम सब मिलकर मनाएँ, इस पर्व का महात्मा।
देशभक्ति की धुन पर सब झूमे,
आज़ादी का संगीत हर दिल में छूमे।
कविता 29
तिरंगे की शान
तिरंगे की शान, ऊँची और निराली,
स्वतंत्रता का यह पर्व, सबको है प्यारी।
हर दिल में बस जाए तिरंगे का रंग,
हम सब मिलकर गाएँ, स्वतंत्रता का संग।
सपनों की ऊँचाई, खुशियों की बात,
देशभक्ति की भावना हो हर दिल की साथ।
स्वतंत्रता का पर्व, सबका है सम्मान,
हम सब मिलकर गाएँ, तिरंगे की शान।
कविता 30
स्वतंत्रता का दीप
स्वतंत्रता का दीप जलाए हर घर,
हर दिल में बसी हो इसकी खुशबू।
सपनों की ऊँचाई, आशाओं की दिशा,
हम सब मिलकर मनाएँ, स्वतंत्रता की रेशा।
हर बच्चे की मुस्कान में हो आज़ादी की चमक,
हर दिल में हो स्वतंत्रता का रंग।
देशभक्ति की भावना से सजाएँ हम सब,
स्वतंत्रता का दीप जलाएँ, हर पल की सब।
कविता 31
देश की धरोहर
देश की धरोहर, स्वर्णिम और प्यारी,
संग हैं तिरंगे की लहरें, जो चमकदार हैं यथार्थ।
हर दिल में बस जाए, स्वतंत्रता की बात,
हम सब मिलकर मनाएँ, यह पर्व उत्सव की रात।
स्वतंत्रता की खुशी, हर घर में लहराए,
सपनों की ऊँचाई, हर बच्चे को मिले सवेरा।
हम सब मिलकर गाएँ, स्वतंत्रता की गाथा,
देश की यह धरोहर, सबको लुभाए और संजीवनी बनाए।
कविता 32
तिरंगे का संदेश
तिरंगे का संदेश, हर दिल में बसा,
स्वतंत्रता का पर्व, सबको खुशी दे आया।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी की छाँव,
हम सब मिलकर गाएँ, स्वतंत्रता का गान।
हर दिल में बसे तिरंगे की शान,
सपनों की ऊँचाई, देशभक्ति का मान।
हम सब मिलकर सजाएँ, स्वतंत्रता का रंग,
देश की आज़ादी को मनाएँ, हर दिल से संग।
कविता 33
स्वतंत्रता की सुबह
स्वतंत्रता की सुबह, सुनहरी और प्यारी,
हर दिल में बसी हो इसकी ममता की नारी।
सपनों की ऊँचाई, हर बच्चे की हंसी,
हम सब मिलकर मनाएँ, स्वतंत्रता की ख़ुशी।
हर घर में बसी हो आज़ादी की बात,
देशभक्ति की धुन से सजाएँ हर रात।
स्वतंत्रता का पर्व, सबको है प्यारा,
हम सब मिलकर मनाएँ, खुशी से हर ख्वाब सारा।
कविता 34
देश की आज़ादी
देश की आज़ादी, अमूल्य और प्यारी,
हर दिल में बसी है इसकी ममता की धारी।
सपनों की ऊँचाई, स्वतंत्रता का रंग,
हम सब मिलकर गाएँ, इसका मधुर संग।
स्वतंत्रता का जश्न, हर दिल में सजाएँ,
देशभक्ति की भावना से हर मन को रिझाएँ।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी का गीत,
हम सब मिलकर मनाएँ, स्वतंत्रता की यह जीत।
कविता 35
शहीदों की याद
शहीदों की याद, हम सबके दिल में बसी,
स्वतंत्रता का पर्व, सबको खुशी दे आया।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी की राह,
हम सब मिलकर गाएँ, यह पवित्र साथ।
हर दिल में बसी हो शहीदों की बात,
देशभक्ति की भावना हो, हर दिल की सौगात।
स्वतंत्रता का पर्व, सबका है मान,
हम सब मिलकर गाएँ, शहीदों की जय-जयकार।
कविता 36
सर्वधर्म समभाव
सर्वधर्म समभाव, भारत की पहचान,
स्वतंत्रता का पर्व, सबके दिल में आनंद।
हर भाषा, हर रंग, सबकी ख़ुशी एक जैसी,
हम सब मिलकर मनाएँ, यह पर्व अत्यंत प्रिय।
सपनों की ऊँचाई, हर दिल की बधाई,
आज़ादी की यह सुबह, लाए हर घर में ख़ुशी।
स्वतंत्रता की खुशी, हर मन को छू जाए,
हम सब मिलकर गाएँ, देशभक्ति का गान बजाए।
कविता 37
खुशियों की आभा
खुशियों की आभा, हर दिल में छाए,
स्वतंत्रता का पर्व, हर घर को भाए।
सपनों की ऊँचाई, हर बच्चे की हंसी,
हम सब मिलकर मनाएँ, आज़ादी की ख़ुशी।
हर दिल में बसी हो स्वतंत्रता की बात,
देशभक्ति का रंग हो, हर सुबह की सौगात।
स्वतंत्रता का पर्व, सबका है मान,
हम सब मिलकर गाएँ, देशभक्ति का गान।
कविता 38
स्वतंत्रता का उपहार
स्वतंत्रता का उपहार, अनमोल और प्यारा,
हर दिल में बसी हो इसका सपना उज्ज्वल और प्यारा।
सपनों की ऊँचाई, हर घर की खुशी,
हम सब मिलकर मनाएँ, स्वतंत्रता की महफिल।
हर दिल में हो स्वतंत्रता का रंग,
सपनों की ऊँचाई, हर दिल का संग।
स्वतंत्रता का यह पर्व, सबको है खास,
हम सब मिलकर गाएँ, देशभक्ति का स्वरास।
कविता 39
विजयी तिरंगा
विजयी तिरंगा, लहराए हर ओर,
स्वतंत्रता का पर्व, सबके दिल में हो जोर।
सपनों की ऊँचाई, देश की शान,
हम सब मिलकर मनाएँ, स्वतंत्रता का मान।
हर दिल में बसी हो तिरंगे की शान,
सपनों की ऊँचाई, हर दिल का मान।
स्वतंत्रता का पर्व, सबका है आनंद,
हम सब मिलकर गाएँ, तिरंगे का गान।
कविता 40
आज़ादी की झलक
आज़ादी की झलक, हर दिल में बस जाए,
हर चेहरे पर हंसती, स्वतंत्रता की रेखा छाए।
सपनों की ऊँचाई, हर बच्चे की हंसी,
हम सब मिलकर मनाएँ, आज़ादी की ख़ुशी।
हर दिल में बसी हो स्वतंत्रता का रंग,
देशभक्ति का उत्सव हो, हर मन का संग।
स्वतंत्रता का पर्व, सबको है प्रिय,
हम सब मिलकर गाएँ, हर दिल से यह गान जीवित।
कविता 41
स्वतंत्रता का आह्वान
स्वतंत्रता का आह्वान, हर दिल में उठे,
सपनों की ऊँचाई, स्वतंत्रता का गीत गाए।
हर बच्चे की मुस्कान में बसी हो यह भावना,
हम सब मिलकर मनाएँ, स्वतंत्रता का दिव्य सपना।
हर दिल में हो खुशी, आज़ादी का उत्सव,
देशभक्ति की धुन से सजाएँ हर घर का पर्व।
स्वतंत्रता का यह पर्व, सबका है मान,
हम सब मिलकर गाएँ, इसके गीत का राग।
कविता 42
स्वतंत्रता का चाँद
स्वतंत्रता का चाँद, चमके हर आँगन में,
हर दिल में बसी हो, इसकी रौशनी के संग।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी की बात,
हम सब मिलकर गाएँ, स्वतंत्रता की सौगात।
हर दिल में हो स्वतंत्रता का रंग बसा,
देशभक्ति की धुन पर सबके दिल झूमें।
स्वतंत्रता का यह पर्व, सबका है प्रिय,
हम सब मिलकर मनाएँ, हर घर में ख़ुशी।
कविता 43
देशभक्ति का जश्न
देशभक्ति का जश्न, हर दिल में लहराए,
स्वतंत्रता का पर्व, सबके दिल को भाए।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी का रंग,
हम सब मिलकर गाएँ, स्वतंत्रता का संग।
हर बच्चे की मुस्कान में बसी हो आज़ादी,
देशभक्ति की धुन पर सब मिलकर गाएँ।
स्वतंत्रता का पर्व, सबका है मान,
हम सब मिलकर मनाएँ, यह दिव्य पर्व अनजान।
कविता 44
स्वतंत्रता की पहचान
स्वतंत्रता की पहचान, हर दिल में बसी,
देशभक्ति का रंग, सबके दिल को छुती।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी का हर्ष,
हम सब मिलकर गाएँ, स्वतंत्रता की कर्ष।
हर घर में बसी हो आज़ादी की बात,
स्वतंत्रता का जश्न, सबका है प्यार।
हम सब मिलकर गाएँ, इस पर्व का गान,
स्वतंत्रता की राह, हर दिल में छाए आनंद।
कविता 45
माँ का आशीर्वाद
माँ का आशीर्वाद, स्वतंत्रता का रंग,
हर दिल में बसी हो, इसकी मीठी संगी।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी का प्रकाश,
हम सब मिलकर मनाएँ, स्वतंत्रता की आस।
हर घर में हो आज़ादी की ख़ुशी,
देशभक्ति की धुन से सजाएँ हर सुबह।
स्वतंत्रता का यह पर्व, सबको है प्यारा,
हम सब मिलकर गाएँ, इसका आनन्द हमारे।
कविता 46
विजयी आज़ादी
विजयी आज़ादी, हर दिल में बसी,
स्वतंत्रता का पर्व, सबके दिल को छूता।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी का उल्लास,
हम सब मिलकर मनाएँ, यह पर्व उत्सव और खास।
हर दिल में हो स्वतंत्रता का रंग बसा,
देशभक्ति की धुन पर सब मन में गाए।
स्वतंत्रता का पर्व, सबका है आदर,
हम सब मिलकर गाएँ, देशभक्ति का प्यार।
कविता 47
आज़ादी की उड़ान
आज़ादी की उड़ान, हर दिल में बसी,
सपनों की ऊँचाई, स्वतंत्रता की मस्ती।
हर बच्चे की आँखों में चमक हो आज़ादी की,
हम सब मिलकर मनाएँ, इसका पर्व खुशी की।
हर दिल में बसी हो स्वतंत्रता का रंग,
देशभक्ति की धुन पर सब मिलकर गाएँ संग।
स्वतंत्रता का यह पर्व, सबका है सम्मान,
हम सब मिलकर गाएँ, इसका अमर गान।
कविता 48
स्वतंत्रता का दीप
स्वतंत्रता का दीप, हर घर में जलाए,
सपनों की ऊँचाई, हर दिल में बसाए।
देशभक्ति की भावना, हर दिल में लहराए,
हम सब मिलकर मनाएँ, स्वतंत्रता की ख़ुशी को मनाए।
हर चेहरे पर हो आज़ादी की चमक,
हर दिल में बस जाए स्वतंत्रता की धड़क।
स्वतंत्रता का पर्व, सबका है प्यार,
हम सब मिलकर गाएँ, स्वतंत्रता का गान बहार।
कविता 49
खुशियों का रंग
खुशियों का रंग, हर दिल में बिखेरे,
स्वतंत्रता का पर्व, सबके मन को छूए।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी की बात,
हम सब मिलकर मनाएँ, यह पर्व अत्यंत खास।
हर दिल में बसी हो आज़ादी की रेखा,
देशभक्ति की धुन से सजाएँ हर डगर।
स्वतंत्रता का यह पर्व, सबका है मान,
हम सब मिलकर गाएँ, इसका अमर गान।
कविता 50
सपनों की आज़ादी
सपनों की आज़ादी, हर दिल में बसाए,
स्वतंत्रता का पर्व, सबको ख़ुशी दे जाए।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी की झलक,
हम सब मिलकर मनाएँ, यह पर्व हो विशेष।
हर चेहरे पर हो आज़ादी की मुस्कान,
देशभक्ति की धुन से सजाएँ हर जश्न।
स्वतंत्रता का यह पर्व, सबका है प्यार,
हम सब मिलकर गाएँ, इसका अमर विचार।
कविता 51
स्वतंत्रता की धुन
स्वतंत्रता की धुन, हर दिल में गूँजाए,
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी की रोशनी लाए।
हर बच्चे की आँखों में बसी हो स्वतंत्रता,
हम सब मिलकर मनाएँ, इसका पर्व मस्त।
हर दिल में हो आज़ादी का रंग बसा,
देशभक्ति की धुन से सब सजाएँ यह दिन।
स्वतंत्रता का पर्व, सबका है मान,
हम सब मिलकर गाएँ, इसका मधुर गान।
कविता 52
स्वतंत्रता की पहचान
स्वतंत्रता की पहचान, हर दिल में बसी,
देशभक्ति का रंग, सबके दिल को छूती।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी की बात,
हम सब मिलकर मनाएँ, यह पर्व विशेष और खास।
हर चेहरे पर हो आज़ादी का उल्लास,
स्वतंत्रता का जश्न, सबका है प्यारा।
हम सब मिलकर गाएँ, स्वतंत्रता की धुन,
हर दिल में बसाए, इसका अमर जुनून।
कविता 53
देश का मान
देश का मान, हर दिल में बसा,
स्वतंत्रता का पर्व, सबको ख़ुशी दे आया।
सपनों की ऊँचाई, आज़ादी का हर्ष,
हम सब मिलकर मनाएँ, यह पर्व आनंदपूर्ण और विशेष।
हर दिल में हो आज़ादी की रौशनी,
देशभक्ति की धुन से सजाएँ हर शाम।
स्वतंत्रता का पर्व, सबका है मान,
हम सब मिलकर गाएँ, इसका प्यारा गान।
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