पटना में तीन प्रमुख जूलर्स को कुल मिलाकर 1.14 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। इस ठगी के मामले में न तो ओटीपी मांगा गया और न ही किसी लिंक का उपयोग किया गया। अपराधियों ने फर्जी दस्तावेजों और आरटीजीएस का उपयोग करके जूलर्स को धोखा दिया।
ठगी का तरीका
दो व्यक्ति ग्राहक बनकर पटना के कंकड़बाग, हथुआ मार्केट और बेली रोड स्थित तीन प्रमुख जूलर्स के शोरूम में पहुंचे। उन्होंने शादी के लिए 40 लाख रुपये मूल्य के गहने पसंद किए और भुगतान के लिए अगले दिन आरटीजीएस करने का वादा किया। एडवांस में उन्होंने 2 लाख रुपये कैश भी दिए। अगले दिन जूलर्स को सूचित किया गया कि 38 लाख रुपये का आरटीजीएस उनके खाते में कर दिया गया है। जूलर्स ने बैंक खाते की जांच की और राशि जमा होने की पुष्टि की। इसके बाद, जूलर्स ने गहने ग्राहक को दे दिए।
फर्जी दस्तावेज़ और पैसे का फ्रीज होना
ग्राहकों ने आधार कार्ड और पैन कार्ड भी प्रस्तुत किए, जो बाद में फर्जी साबित हुए। कुछ समय बाद, जूलर्स को गुजरात पुलिस द्वारा सूचित किया गया कि उनके खाते में आए पैसे चोरी किए गए थे और इसलिए फ्रीज कर दिए गए हैं। दूसरे जूलर के खाते में राजस्थान के किसी बैंक से पैसे भेजे गए थे, जो ठगी का हिस्सा थे।
जूलर्स का दुष्प्रभाव
इस ठगी के कारण जूलर्स को बड़ा झटका लगा, खासकर जब उन्होंने पता चला कि उनके द्वारा प्राप्त किए गए पैसे फ्रीज कर दिए गए थे और ग्राहकों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ भी नकली थे। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज भी प्राप्त किए हैं। हालांकि, घटना को दो-तीन महीने हो चुके हैं और पीड़ित जूलर्स का कहना है कि उन्होंने ग्राहकों को गहने दिए थे, इसलिए इसमें उनका कोई दोष नहीं है।
यह मामला साइबर अपराध की बढ़ती समस्या को उजागर करता है, जहां अपराधी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके ठगी कर रहे हैं और जूलर्स जैसे व्यवसायों को निशाना बना रहे हैं।