भारत की प्राचीन परंपराओं और आध्यात्मिक प्रथाओं में शंख का विशेष स्थान है। योगियों और संतों ने इसे धार्मिक अनुष्ठानों और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना है। शंख बजाने की ध्वनि और इसके स्वास्थ्य लाभों का वर्णन न केवल धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, बल्कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने भी इसके फायदों को मान्यता दी है। शंख बजाना न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि फेफड़ों, मांसपेशियों और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। आइए जानते हैं कैसे शंख बजाने की प्राचीन परंपरा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है और इसके कई लाभ क्या हैं।
शंख बजाने का प्राचीन योगियों की सलाह
शंख बजाने की प्रथा भारत में प्राचीन काल से प्रचलित है। योगियों और संतों ने शंख बजाने के महत्व को पहचाना और इसे धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल किया। शंख बजाने से न केवल आध्यात्मिक लाभ होते हैं, बल्कि इसके कई शारीरिक लाभ भी हैं।
शंख बजाने के स्वास्थ्य लाभ
शंख बजाना फेफड़े, मूत्र मार्ग, मूत्राशय, निचले पेट, डायफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों के लिए एक अच्छा व्यायाम है। जब हम शंख बजाते हैं, तो हमारे फेफड़ों की मांसपेशियां विस्तारित होती हैं, जिससे उनकी क्षमता बढ़ती है और सांस लेने में सुधार होता है। यह अभ्यास थायराइड ग्रंथियों और स्वर तंत्र को भी मजबूत करता है। शंख बजाने से बच्चों में हकलाने या भाषण विकार की समस्याओं में भी सुधार होता है।
शंख बजाने के आध्यात्मिक महत्व
समुद्र मंथन के पुराणिक समय में, जब शंख पहली बार प्रकट हुआ था, इसे भगवान विष्णु ने एक हथियार के रूप में धारण किया था। महाभारत युद्ध के दौरान, भगवान कृष्ण ने अपने शंख, जिसे पंचजन्य कहा जाता है, को बजाकर धर्म की विजय का संकेत दिया था। शंख की ध्वनि ‘ॐ’ के पवित्र शब्द की ध्वनि के समान होती है, जो वातावरण को सकारात्मक स्पंदनों से भर देती है। इसीलिए शंख हर त्योहार और शुभ अवसर पर बजाया जाता है।
आधुनिक चिकित्सा में शंख
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने शंख बजाने के सकारात्मक लाभों को अपनाया है और एक उपकरण जिसे स्पाइरोमीटर कहा जाता है, का आविष्कार किया है। स्पाइरोमीटर एक हाथ में पकड़ा जाने वाला उपकरण है जिसे सर्जरी या लंबे समय की बीमारी से उबरने वाले मरीजों के लिए सुझाया जाता है। इस उपकरण का उपयोग फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है।
शंख बजाना एक प्राचीन अभ्यास है जो आज भी प्रासंगिक है। इसके कई शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ हैं जो इसे एक महत्वपूर्ण प्रथा बनाते हैं। शंख बजाने से न केवल शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि मन को भी शांति और सकारात्मकता मिलती है। इसलिए, शंख बजाने की प्रथा को हमारे दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए।
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