केरल के वायनाड में 29 जुलाई की आधी रात भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में अब तक 221 शव और 166 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं। अधिकारियों द्वारा फोन पर कुछ लोगों से संपर्क किए जाने के बाद लापता लोगों की संख्या 206 से घटकर 180 हो गई है।
उधर केरल में तीन जिलों के लोगों के लिए जीवन रेखा कही जाने वाली चलियार नदी में भूस्खलन के बाद लापता हुए कई लोगों के शव मिले हैं। शनिवार को नदी से तीन और शव तथा शरीर के 13 अंग बरामद किए गए। रविवार को बचाव कार्यों को आगे बढ़ाते हुए, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), के-9 श्वान दस्ते, सेना, विशेष अभियान समूह, मद्रास इंजीनियरिंग समूह, पुलिस, अग्निशमन बल, वन विभाग, नौसेना और तटरक्षक बल सहित विभिन्न बलों के सैकड़ों कर्मियों को आपदाग्रस्त क्षेत्रों में तैनात किया गया।
राज्य के राजस्व मंत्री के राजन के अनुसार, अब तक 221 शव और 166 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं। अधिकारियों द्वारा फोन पर कुछ लोगों से संपर्क किए जाने के बाद लापता लोगों की संख्या 206 से घटकर 180 हो गई है। वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड से होकर बहने वाली चालियार नदी के किनारे भी तलाशी अभियान जारी है। अधिकारियों ने बताया कि चालियार नदी में कुल 74 शव और 134 मानव अंग मिले हैं, जिससे कुल संख्या 208 हो गई है।
केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन की घटना को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की विभिन्न हलकों से उठ रही मांग की वैधता की जांच करेगी। इस घटना में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। केंद्रीय पर्यटन, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री गोपी ने कहा कि केंद्र सरकार भूस्खलन का मूल्यांकन करने के बाद ‘इसके कानूनी पहलुओं की जांच’ करेगी। वायनाड जिले के मुंडक्कई और चूरलमाला में भूस्खलन से सैकड़ों घर तबाह हो गए हैं और बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभाव का आकलन किया जाना चाहिए। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए वायनाड पहुंचे थे और उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ये बात कही