आप आदमी पार्टी (AAP) ने रिश्वत में मिले 45 करोड़ का इस्तेमाल गोवा चुनाव में किया

प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, दिल्ली की आबकारी नीति तैयार करने में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अहम भूमिका रही है। इस नीति के तहत शराब व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के बदले में रिश्वत ली गई थी।

ईडी का आरोप है कि रिश्वत न देने पर थोक विक्रेताओं पर दबाव बनाया गया। पंजाब के अधिकारियों के माध्यम से राज्य में उनके व्यवसायों को निशाना बनाया गया। मेसर्स महादेव लिकर की पंजाब में शराब फैक्ट्रियों को बंद करा दिया गया।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब घोटाले के सरगना व मुख्य साजिशकर्ता हैं। इस घोटाले से अर्जित 45 करोड़ रुपए आम आदमी पार्टी (आप) ने गोवा विधानसभा के चुनाव अभियान पर खर्च किए हैं और इस कार्य में केजरीवाल भी शामिल थे। ईडी ने दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में बीते मंगलवार को दायर पूरक आरोपपत्र में यह दावा किया है। इस पर संज्ञान लेकर अदालत ने केजरीवाल को 12 जुलाई को तलब किया है। ईडी के मुताबिक, दिल्ली की आबकारी नीति (जो अब खत्म हो चुकी है) तैयार करने में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अहम भूमिका रही है। इस नीति के तहत शराब व्यवसायियों से उन्हें लाभ पहुंचाने के बदले में रिश्वत ली गई थी। ईडी ने आरोपपत्र में केजरीवाल व आप को भी आरोपी बनाया है। इससे पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति का मसौदा एक ‘दक्षिण समूह’ को लाभ पहुंचाने के मद्देनजर तैयार किया गया था। जांच एजंसी का दावा है कि दक्षिण समूह ने आबकारी नीति से अनुचित लाभ पाने के लिए आप नेताओं को बतौर रिश्वत 100 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। ईडी ने आरोपपत्र में कहा है कि रिश्वत के रूप में ली गई 45 करोड़ की रकम एक अन्य आरोपी चनप्रीत सिंह और एक आप कार्यकर्ता द्वारा संभाली गई थी। चनप्रीत सीधे तौर पर बैंकिंग चैनलों के माध्यम से आप के साथ कई लेनदेन में शामिल था। जबकि, शराब घोटाले से प्राप्त 25.5 करोड़ रुपए की आय विनोद चौहान द्वारा चनप्रीत को हस्तांतरित की गई। इस राशि को बाद में आप ने गोवा विधानसभा चुनाव अभियान में इस्तेमाल किया। चनप्रीत और विनोद चौहान दोनों शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में भी आरोपी हैं। पूरक आरोपपत्र में चौहान के सहयोगी आशीष माथुर का नाम भी शामिल है। ईडी ने यह आरोप भी लगाया है कि रिश्वत न देने पर थोक विक्रेताओं पर दबाव बनाने में भी मुख्यमंत्री केजरीवाल की भूमिका रही है। जब कुछ थोक विक्रेता दिल्ली में आप को रिश्वत देने के लिए सहमत नहीं हुए तो पंजाब के अधिकारियों के माध्यम से राज्य में उनके व्यवसायों को निशाना बनाया गया। ईडी का दावा है कि दिल्ली के व्यवसायी मेसर्स महादेव लिकर आप नेताओं को रिश्वत नहीं दे रहा था। इसके बाद विजय नायर ने पंजाब में उत्पाद शुल्क अधिकारियों के जरिए राज्य में उनकी शराब फैक्ट्रियों को बंद करा दिया। आप के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को केजरीवाल का करीबी माना जाता था। वह शराब घोटाले में कथित तौर पर ह्यदक्षिण समूहद्ध और आप के बीच बिचौलिए का काम करता था। ईडी के मुताबिक, तेदेपा सांसद मगुंटा एस रेड्डी, जिनके बेटे राघव मगुंटा इस मामले में सरकारी गवाह बन गए, उन्होंने एक बयान में कहा था कि बीआरएस विधायक के कविता ने दिल्ली में शराब का कारोबार करने के लिए उनसे संपर्क किया था और उन्होंने आप को देने के लिए उनसे 50 करोड़ रुपए की मांग की थी।

Leave a Comment