समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत किए जा रहे वक्फ एक्ट संशोधन बिल पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस संशोधन के माध्यम से बीजेपी मुसलमानों के अधिकारों को छीनना चाहती है और उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी।
वक्फ एक्ट में संशोधन की प्रकृति
वर्तमान संशोधन के तहत, वक्फ बोर्ड को उनकी संपत्तियों को जिला कलेक्टर से रजिस्टर करवाना होगा, जिससे संपत्तियों की वास्तविक मूल्य निर्धारण हो सके। सरकार का कहना है कि यह संशोधन वक्फ के संचालन में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बढ़ाने के लिए किया जा रहा है और इससे महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित होगी।
सपा का विरोध
अखिलेश यादव ने इस संशोधन के विरोध में अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि बीजेपी का उद्देश्य केवल हिंदू और मुसलमानों को बांटना है। उन्होंने बताया कि बीजेपी ने पहले एंग्लो-इंडियन के आरक्षित सीटों को समाप्त किया और अब मुसलमानों के अधिकारों पर हमला कर रही है।
नजूल बिल और अन्य मुद्दे
अखिलेश ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर नजूल प्रॉपर्टी बिल को लेकर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उर्दू शब्द ‘नजूल’ को गलत तरीके से समझा और इसका उपयोग किया।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण को लेकर की गई मांग पर भी निशाना साधा। साथ ही, जाति आधारित जनगणना को लेकर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर भी कटाक्ष किया, उन्हें ‘स्टूल किट मंत्री’ करार दिया और उनकी गतिविधियों की आलोचना की।
अखिलेश ने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी नेता आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं, उन्हें बीजेपी छोड़ देना चाहिए।
सारांश
अखिलेश यादव ने वक्फ एक्ट संशोधन को मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ एक कदम बताया है और समाजवादी पार्टी ने इस संशोधन के खिलाफ विरोध करने का संकल्प लिया है। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे और आलोचनाएं वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।