अंबानी का 10,055 करोड़ रुपये का घाटा: क्या कहता है यह आर्थिक उतार-चढ़ाव?

Ambani's Rs 10,055 crore loss What does this economic fluctuation say
Ambani’s Rs 10,055 crore loss What does this economic fluctuation say

शुक्रवार की शाम, वित्तीय दुनिया में अनिश्चितता की एक लहर दौड़ गई। जो अरबपति कभी अटूट माने जाते थे, उन्होंने देखा कि उनकी संपत्ति तेजी से घट रही है। भारत के मुकेश अंबानी और गौतम अडानी इन घाटों से सबसे ज्यादा प्रभावित थे। इन दोनों की कुल हानि अरबों डॉलर में थी, जिससे निवेशक और विश्लेषक हैरान थे।

अरबपतियों की संपत्ति में बड़ी गिरावट

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के अनुसार, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस ने सबसे अधिक हानि उठाई, शुक्रवार को उन्होंने 15.2 अरब डॉलर खो दिए। यह संपत्ति में ह्रास की लहर अन्य अरबपतियों तक भी पहुंची। दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की संपत्ति 6.57 अरब डॉलर घट गई, जबकि फ्रेंच अरबपति और LVMH के अध्यक्ष बर्नार्ड अर्नाल्ट की संपत्ति में 1.21 अरब डॉलर की कमी आई।

प्रमुख कारण: वैश्विक बाजार में गिरावट

इस वित्तीय संकट का प्रमुख कारण था कमजोर अमेरिकी बेरोजगारी डेटा, जिसने वैश्विक बाजार को निराश किया। नैस्डैक 100 इंडेक्स में 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे अमेजन के शेयरों में 8.8 प्रतिशत की गिरावट आई। इस गिरावट के कारण जेफ बेजोस की संपत्ति अब 191.5 अरब डॉलर रह गई है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, बेजोस ने इस साल फरवरी में नौ व्यापारिक दिनों के दौरान लगभग 8.5 अरब डॉलर के शेयर बेचे थे।

अंबानी और अडानी भी नहीं बचे

मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स में 11वें स्थान पर, ने अपनी संपत्ति में 1.20 अरब डॉलर की गिरावट देखी, जिससे उनकी कुल संपत्ति अब 113 अरब डॉलर रह गई है। गौतम अडानी, अडानी ग्रुप के अध्यक्ष और 12वें स्थान पर, ने 1.34 अरब डॉलर की हानि उठाई, जिससे उनकी संपत्ति अब 110 अरब डॉलर रह गई है।

अन्य प्रमुख अरबपतियों की संपत्ति में भी गिरावट

यह वित्तीय संकट सिर्फ कुछ ही लोगों तक सीमित नहीं रहा। शीर्ष 22 अरबपतियों की संपत्ति में लगातार गिरावट देखी गई। मेटा के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने भी क्रमशः 3.39 अरब डॉलर और 1.95 अरब डॉलर की हानि झेली।

इस प्रकार, वैश्विक बाजार में यह आर्थिक उतार-चढ़ाव अरबपतियों की संपत्ति पर भारी पड़ा, जिससे निवेशक और बाजार विशेषज्ञ चिंतित हैं।

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