एंटी-पेपर लीक कानून लागू: पेपर लीक करने पर 3 से 5 साल की सजा और 10 लाख तक जुर्माना

भारत में एंटी-पेपर लीक कानून यानी पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 को लागू कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने 21 जून को इसकी अधिसूचना जारी की। इस कानून का उद्देश्य भर्ती परीक्षाओं में नकल और अन्य गड़बड़ियों को रोकना है।

कानून की प्रमुख विशेषताएं

1. जेल और जुर्माना:
– पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की जेल और ₹10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
– सजा को पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है।

2. सर्विस प्रोवाइडर पर जुर्माना:
– अगर परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर दोषी पाया जाता है तो उस पर 1 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
– अवैध गतिविधियों में शामिल होने पर सर्विस प्रोवाइडर से परीक्षा की लागत भी वसूली जाएगी।

कानून का दायरा

इस कानून के तहत विभिन्न प्रमुख परीक्षाएं जैसे संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB), बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS) और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की परीक्षाएं शामिल होंगी। इसके अलावा, केंद्र के सभी मंत्रालयों और विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी इस कानून के दायरे में आएंगी।

लागू करने की आवश्यकता

इस कानून को लागू करने की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि NEET और UGC-NET जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं में गड़बड़ियां हो रही थीं। NEET 2024 परीक्षा में पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स देने की घटनाएं सामने आईं, जिससे छात्रों और अभिभावकों में भारी असंतोष फैल गया था।

कोर्ट का हस्तक्षेप

सुप्रीम कोर्ट में NEET में गड़बड़ियों और री-एग्जाम की मांग को लेकर पांच याचिकाएं दाखिल की गई हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल एग्जाम को रद्द करने और काउंसिलिंग पर रोक लगाने की मांग को खारिज कर दिया है।

NTA की परीक्षाओं का रद्द होना

पिछले 9 दिनों में NTA को तीन बड़ी परीक्षाएं रद्द या स्थगित करनी पड़ी हैं:
1. नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट: 12 जून को हुई परीक्षा तकनीकी गड़बड़ी के कारण रद्द की गई।
2. UGC-NET: 18 जून को हुई परीक्षा टेलीग्राम पर पेपर लीक हो जाने के कारण रद्द कर दी गई।
3. सीएसआईआर-यूजीसी-नेट: 25 जून से होने वाली परीक्षा 21 जून को स्थगित कर दी गई।

कानून का प्रभाव

– कड़ी निगरानी: परीक्षा केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और किसी भी अवैध गतिविधि पर सख्त कार्रवाई होगी।
– प्रवेश प्रतिबंध: परीक्षा केंद्र में केवल वे लोग प्रवेश कर सकेंगे जो पब्लिक एग्जाम या उससे जुड़े कामों में संलग्न होंगे।
– सेंटर सस्पेंशन: किसी गड़बड़ी में शामिल परीक्षा केंद्र को चार साल तक के लिए सस्पेंड किया जा सकता है।
– जांच प्राधिकरण: DSP या ACP के पद से नीचे का कोई भी अधिकारी परीक्षा में गड़बड़ी के मामलों की जांच कर सकेगा।
– केंद्रीय एजेंसी की जांच: केंद्र सरकार के पास किसी भी मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंपने की शक्ति होगी।

इस कानून के लागू होने से उम्मीद है कि परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगी और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।

पब्लिक एग्जामिनेशन (प्रिवेंशन ऑफ अनफेयर मीन्स) एक्ट, 2024 के तहत निम्नलिखित 15 गड़बड़ियों को अपराध माना जाएगा:

1. क्वेश्चन पेपर या आंसर की लीक करना:
– किसी भी परीक्षा का प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी को लीक करना।

2. क्वेश्चन पेपर या आंसर की लीक करने में किसी के साथ शामिल होना:
– प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी लीक करने में किसी के साथ मिलकर सहयोग करना।

3. बिना अनुमति क्वेश्चन पेपर या OMR शीट अपने पास रखना:
– बिना अनुमति के परीक्षा का प्रश्न पत्र या OMR शीट अपने पास रखना।

4. परीक्षा के दौरान किसी से जवाब लिखने के लिए मदद लेना:
– परीक्षा के दौरान किसी अन्य व्यक्ति से उत्तर लिखने के लिए सहायता लेना।

5. परीक्षा दे रहे कैंडिडेट को डायरेक्ट या इंडायरेक्ट तरीके से मदद करना:
– परीक्षा दे रहे उम्मीदवार को सीधे या परोक्ष रूप से सहायता प्रदान करना।

6. एग्जाम आंसर शीट या OMR शीट के साथ छेड़छाड़ करना:
– परीक्षा उत्तर पुस्तिका या OMR शीट में छेड़छाड़ करना।

7. कॉपियों के मूल्यांकन में बिना अनुमति छेड़छाड़ करना:
– बिना अनुमति के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में हेरफेर करना।

8. सरकारी एजेंसी द्वारा तय परीक्षा के मानकों का उल्लंघन करना:
– सरकारी एजेंसी द्वारा निर्धारित परीक्षा के मानकों का उल्लंघन करना।

9. मेरिट के लिए तय डॉक्यूमेंट्स में किसी तरह की छेड़छाड़ करना:
– मेरिट के लिए आवश्यक दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की हेराफेरी करना।

10. पब्लिक एग्जाम के लिए तय सिक्योरिटी मानकों का उल्लंघन करना:
– सार्वजनिक परीक्षा के लिए निर्धारित सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करना।

11. किसी एग्जाम कम्प्यूटर सिस्टम या नेटवर्क में छेड़छाड़ करना:
– परीक्षा से संबंधित कंप्यूटर सिस्टम या नेटवर्क में छेड़छाड़ करना।

12. कैंडिडेट्स की सीट अरेंजमेंट, एग्जाम डेट या शिफ्ट में छेड़छाड़ करना:
– उम्मीदवारों की सीट व्यवस्था, परीक्षा तिथि या शिफ्ट में हेरफेर करना।

13. किसी एग्जामिनेशन अथॉरिटी को धमकाना या काम करने से रोकना:
– किसी परीक्षा प्राधिकरण को धमकाना या उसके काम में बाधा डालना।

14. परीक्षा या एग्जाम अथॉरिटी से जुड़ी नकली वेबसाइट बनाना:
– परीक्षा या परीक्षा प्राधिकरण से संबंधित नकली वेबसाइट बनाना।

15. नकली एडमिट कार्ड जारी करना या नकली एग्जाम कराना:
– नकली प्रवेश पत्र जारी करना या नकली परीक्षा आयोजित करना।

ये अपराध संगीन माने जाएंगे और इनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। इस कानून का उद्देश्य परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है ताकि योग्य उम्मीदवारों को उचित अवसर मिल सके और किसी भी प्रकार की नकल या गड़बड़ी पर रोक लगाई जा सके।

Leave a Comment