उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारियों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था से संबंधित विधेयक को प्रदेश के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसी साल फरवरी में भाजपा सरकार ने प्रवर समिति की सिफारिशों को मानते हुए विधेयक को कुछ संशोधन के बाद राजभवन भेजा था। विधेयक को मंजूरी मिलने से 11 हजार से अधिक राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को इसका लाभ मिलेगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधेयक को मंजूरी मिलने पर प्रसन्नता के साथ ही राज्यपाल का आभार भी व्यक्त किया है। धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी भूल नहीं सकती और उनकी सुविधाओं को शीर्ष प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण देने का निर्णय लिया था तथा इसका विधेयक विधानसभा में पारित कर राज्यपाल को भेजा गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधेयक को मंजूरी मिलने से राज्य आंदोलनकारियों की लंबे समय से चली आ रही एक बड़ी मांग पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों की मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
धामी ने कहा, राज्य सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण देने का निर्णय लिया था तथा इसका विधेयक विधानसभा में पारित कर राज्यपाल को भेजा गया था।