राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजंसी (नाडा) ने रविवार को बजरंग पूनिया को दूसरी बार निलंबित कर दिया। इससे तीन सप्ताह पहले एडीडीपी ने इस आधार पर उनका निलंबन रद्द किया था कि नाडा ने पहलवान को आरोपों के संदर्भ में नोटिस जारी नहीं किया था।
नाडा ने 23 अप्रैल को तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पूनिया को निलंबित कर दिया था, चूंकि उन्होंने 10 मार्च को सोनीपत में हुए चयन ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए मूत्र के नमूने नहीं दिए थे। खेल की विश्व नियामक इकाई यूडब्लूडब्लू ने भी उन्हें निलंबित किया था। बजरंग ने इस अस्थायी निलंबन के खिलाफ अपील दायर की थी और नाडा के डोपिंग निरोधक अनुशासन पेनल ने नाडा के आरोपों के संदर्भ में नोटिस जारी करने तक इसे रद्द कर दिया था। नाडा ने रविवार को पूनिया को नोटिस जारी कर कहा कि यह आपके लिए औपचारिक नोटिस है कि आपको राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक नियमों की धारा 2.3 के उल्लंघन का दोषी पाया गया है और अब आप अस्थायी रूप से निलंबित हैं।
पूनिया को आरोप स्वीकार करने या सुनवाई का अनुरोध करने के लिए 1 जुलाई तक का समय दिया गया है। पूनिया का कहना है कि उन्होंने कभी भी नमूना देने से इनकार नहीं किया लेकिन वे अपनी ईमेल पर नाडा का जवाब चाहते हैं, जिसमें उन्होंने यह जानने की मांग की थी कि उन्हें दिसंबर 2023 में नमूना लेने के लिए “एक्सपायर्ड” किट क्यों भेजी गई थीं। बजरंग के वकील विधुष्पत सिंघानिया ने बताया कि वे निलंबन को चुनौती देंगे। सिंघानिया ने कहा कि हां, हमें जवाब दाखिल करना होगा।