महालक्ष्मी मर्डर केस में बड़ा खुलासा: मुक्ति रंजन ने सुसाइड से पहले मां के सामने कुबूला मर्डर
Published on September 27, 2024 by
Vivek Kumar
BENGALURU MAHALAKSHMI MURDER CASE: बेंगलुरु के चर्चित महालक्ष्मी मर्डर केस में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। महालक्ष्मी की हत्या उसके सहकर्मी मुक्ति रंजन राय ने की थी। सुसाइड से पहले उसने अपनी मां के सामने मर्डर की बात कबूली थी। इसके साथ ही, उसने अपने सुसाइड नोट में भी लिखा कि वह महालक्ष्मी से प्यार करता था, लेकिन वह उसे किडनैपिंग के मामले में फंसाने की धमकी दे रही थी।
मुक्ति रंजन का शव ओडिशा के भद्रक जिले के धुसुरी इलाके में एक पेड़ से लटका मिला। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें मुक्ति रंजन ने अपना अपराध स्वीकार किया है। पुलिस का कहना है कि उसने सुसाइड से एक रात पहले अपनी मां के सामने महालक्ष्मी की हत्या की बात कबूल की थी।
मां के सामने किया अपराध का खुलासा
ओडिशा पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, मुक्ति रंजन करीब तीन साल बाद अपने घर लौटा था। रात को उसने अपनी मां के सामने रोते हुए कहा कि उसने महालक्ष्मी को मार दिया है। इसके बाद, अगली सुबह 5 बजे उसने सुसाइड कर लिया।
बेंगलुरु पुलिस करेगी ओडिशा का दौरा
महालक्ष्मी मर्डर केस की जांच कर रही बेंगलुरु पुलिस अब ओडिशा पुलिस के संपर्क में है। वे मुक्ति रंजन के सुसाइड नोट, लैपटॉप, और बाकी सबूतों को अपने कब्जे में लेंगे ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके।
सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
मुक्ति रंजन के सुसाइड नोट में ज्यादातर इंग्लिश और उड़िया भाषा का इस्तेमाल किया गया है। उसने लिखा, “मैं महालक्ष्मी से प्यार करता था, लेकिन वह मुझे किडनैपिंग केस में फंसाने की धमकी देती थी। मैंने उस पर काफी पैसा खर्च किया था, लेकिन उसका व्यवहार सही नहीं था।”
क्यों की महालक्ष्मी की हत्या?
बेंगलुरु पुलिस के अनुसार, मुक्ति रंजन और महालक्ष्मी एक कपड़े की दुकान में काम करते थे, जहां दोनों की मुलाकात हुई और वे दोस्त बन गए। महालक्ष्मी मुक्ति रंजन पर शादी का दबाव बना रही थी, जिसके चलते दोनों के बीच कई बार झगड़ा हुआ। इसी गुस्से में आकर मुक्ति रंजन ने महालक्ष्मी की हत्या कर दी और लाश के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
महालक्ष्मी की हत्या 2-3 सितंबर के बीच हुई थी
पुलिस के अनुसार, महालक्ष्मी की हत्या 2 से 3 सितंबर के बीच हुई थी। महालक्ष्मी का शव बेंगलुरु में एक फ्रिज में पाया गया था, जिसके टुकड़े कमरे में बिखरे हुए थे।