नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ सीमा संबंधी मुद्दों को कूटनीतिक माध्यम से सुलझाने पर सहमति बनी है और काठमांडू अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमा के बारे में ‘स्पष्ट और दृढ़’ है। प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत प्राप्त करने के एक दिन बाद सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए ओली ने कहा कि सरकार 1816 की सुगौली संधि के अनुसार, लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख सहित महाकाली नदी के पूर्व में स्थित क्षेत्र को नेपाल का मानती है। उन्होंने कहा कि संघीय संसद और नेपाल सरकार का रुख देश की अंतरराष्ट्रीय सीमा को लेकर स्पष्ट और दृढ़ है।
ओली ने बताया कि नेपाल ने एक नया मानचित्र अपनाया है, जिसे 2017 में संविधान में दूसरे संशोधन के माध्यम से शामिल किया गया है और इसे संविधान के अनुलग्नक तीन में उल्लेखित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी अंतरराष्ट्रीय सीमा के बारे में राष्ट्रीय सहमति बनी है। ओली (72) ने 15 जुलाई को नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के प्रधानमंत्रियों के बीच उच्चस्तरीय यात्राओं के दौरान हुई मुलाकातों में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने पर सहमति बनी है।