केंद्र सरकार ने बुधवार को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ योजना को आगे बढ़ाते हुए उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कदम को भारतीय लोकतंत्र को अधिक सक्रिय और सहभागी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया। इसके तहत, देशभर में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने की योजना बनाई गई है।
राजनीतिक सहमति और समर्थन
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कई राजनीतिक दल इस मुद्दे पर पहले से ही सहमत हैं, और जनता से मिल रहे व्यापक समर्थन के चलते विरोधी दल भी अपने रुख में बदलाव का दबाव महसूस कर सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों के आधार पर क्रियान्वयन के लिए एक समूह का गठन किया जाएगा। अगले कुछ महीनों में देश भर के विभिन्न मंचों पर इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
चरणबद्ध क्रियान्वयन और कानूनी प्रक्रिया
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जाएगा। पहले चरण में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे, जबकि दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकायों के चुनाव होंगे। इसके साथ ही, समिति ने एक साझा मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र की भी सिफारिश की है, जिसे भारत के निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन प्राधिकारियों के बीच समन्वय से लागू किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार इस कार्यकाल में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ योजना को लागू करने का प्रयास करेगी। इसके लिए संवैधानिक संशोधन विधेयकों की आवश्यकता होगी, जिनमें से कुछ संशोधनों के लिए संसद की मंजूरी और कुछ के लिए राज्य विधानसभाओं की सहमति आवश्यक होगी।
इतिहास और आगे की चुनौतियाँ
1951 से 1967 के बीच भारत में एक साथ चुनाव होते थे, लेकिन मध्यावधि चुनाव और अन्य कारणों से यह व्यवस्था टूट गई। अब ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लागू करने के लिए कई चुनावों को पहले या बाद में कराना होगा, ताकि सभी चुनाव एक साथ हो सकें। समिति ने 2029 से यह व्यवस्था पूरी तरह लागू करने की सिफारिश की है, जिसमें लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विचार के प्रबल समर्थक रहे हैं, और अब सरकार इसे लागू करने के लिए आवश्यक कानूनी और संवैधानिक कदम उठाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।