बंगाल में बीच सड़क पर जोड़े की बेरहमी से पिटाई, वीडियो प्रसारित होने पर मामला दर्ज

पश्चिम बंगाल पुलिस ने अवैध संबंध के आरोप में एक जोड़े के साथ मारपीट किए जाने का वीडियो सामने आने पर रविवार को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वीडियो में जो व्यक्ति दोनों को डंडे से पीटते हुए दिख रहा है, वह कथित तौर पर उत्तर दिनाजपुर जिले के चोपड़ा का एक स्थानीय तृणमूल नेता है, जहां पंचायत के फैसले के बाद यह घटना हुई थी। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इस घटना के लिए ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की है, वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। इस्लामपुर के पुलिस अधीक्षक जाबी थामस के ने कहा कि पुलिस ने सोशल मीडिया पर वीडियो देखी है और सत्यापन के बाद मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने कहा कि हमने आरोपियों को पकड़ने के लिए छापे मारे हैं और घटना के कारणों की जांच की जा रही है। वीडियो में एक व्यक्ति महिला को पीटता हुआ दिखाई रहा है और महिला दर्द से कराह रही

है, वहीं बड़ी संख्या में लोग तमाशा देख रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि आरोपी ने व्यक्ति को डंडे से भी पीटा। भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के शासन का घिनौना चेहरा है। वीडियो में जो व्यक्ति एक महिला को बेरहमी से पीट रहा है। वह अपनी ‘इंसाफ’ सभा के माध्यम से त्वरित न्याय देने के लिए प्रसिद्ध है और चोपड़ा से विधायक हमीदुर रहमान का करीबी सहयोगी है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था का नामोनिशान नहीं है। क्या ममता बनर्जी इस राक्षस के खिलाफ कार्रवाई करेंगी या उसका बचाव करेंगी, जैसे उन्होंने शेख शाहजहां के लिए किया था? माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में आम लोगों और तृणमूल के राजनीतिक विरोधियों पर हमले जारी हैं। किसी भी महिला पर हमला बर्बर और निंदनीय है। हिंसा की ऐसी घटनाएं पश्चिम बंगाल का नाम खराब कर रही हैं। तृणमूल के स्थानीय विधायक हमीदुर रहमान ने आरोपियों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया और खुद को घटना से अलग कर लिया। उन्होंने कहा कि यह गांव का मामला है और पार्टी से इसका कोई संबंध नहीं है। वहीं, तृणमूल के जिलाध्यक्ष कन्यालाल अग्रवाल ने इस घटना के लिए जोड़े के कथित अवैध संबंध को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह ‘गांव वालों को पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले की जांच करेगी। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता शांतनु सेन ने घटना की निंदा की, साथ ही कहा कि वाम मोर्चा शासन के दौरान भी इस तरह की अवैध अदालतें आम थीं।

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