बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश से बाहर जाने के कुछ ही दिनों बाद, उनकी वापसी की माँग तेज़ हो गई है। अवामी लीग के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शेख मुजीबुर रहमान के मकबरे पर इकट्ठा होकर कसम खाई है कि वे शेख हसीना को सम्मानपूर्वक वापस लाएंगे।
मुख्य बिंदु:
- शेख हसीना की वापसी की माँग बांग्लादेश में तेज़ हुई।
- अवामी लीग के नेताओं ने शेख मुजीबुर रहमान की कब्र पर कसम खाई।
- हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने भी वापसी के संकेत दिए।
ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर भारत जाने के कुछ ही समय बाद, शेख हसीना की वापसी की माँग उठने लगी है। अवामी लीग और इसके सहयोगी संगठनों ने शेख हसीना को वापस लाने की कसम खाई है। बीते सोमवार को हसीना ने विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और वे भारत में सुरक्षित स्थान पर हैं।
गोपालगंज के तुंगीपारा में शेख मुजीबुर रहमान के मकबरे पर अवामी लीग के कार्यकर्ता और नेता इकट्ठा हुए। जिलाध्यक्ष महबूब अली खान ने शपथ ग्रहण समारोह का संचालन किया। महासचिव जीएम साहब उद्दीन आजम ने कहा कि वे तब तक संघर्ष करेंगे, जब तक शेख हसीना और उनकी बहन शेख रिहाना को बांग्लादेश वापस नहीं लाया जाता। इस दौरान उन्होंने बंगबंधु को श्रद्धांजलि अर्पित की और अवामी लीग के राजनीतिक संघर्ष को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने एक वीडियो संदेश में कहा कि उनके परिवार ने राजनीति में वापसी नहीं करने का निर्णय लिया था, लेकिन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए वे चुप नहीं बैठ सकते। उन्होंने कहा, “अवामी लीग खत्म नहीं हुई है, और इसे खत्म करना आसान नहीं होगा। हम आपके साथ हैं। शेख हसीना मरी नहीं हैं। हम बंगबंधु का परिवार हैं, और देश और पार्टी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।” वाजेद ने यह भी कहा कि वे बांग्लादेश को आतंकवाद मुक्त बनाने के लिए किसी से भी बातचीत के लिए तैयार हैं।