उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नए आपराधिक कानूनों पर टिप्पणियों को लेकर सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम पर नए सिरे से हमला किया और कहा कि कोई संसद सदस्य किसी विधेयक पर चर्चा में भाग नहीं लेकर सहमति जताता है। शनिवार के बाद से यह दूसरी बार है, जब धनखड़ ने एक जुलाई को लागू हुए तीन आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर टिप्पणियों को लेकर चिदंबरम पर निशाना साधा है। राज्यसभा प्रशिक्षुओं के एक समूह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने चिदंबरम का नाम लिए बिना कहा, ‘उन्होंने सदन (राज्यसभा) में कुछ नहीं कहा। वह समिति (गृह संबंधी स्थायी संसदीय समिति) के सदस्य थे।’ धनखड़ ने कहा कि यदि कोई सदस्य समिति का हिस्सा है, समिति के समक्ष अपनी बात रखता है, समिति बहुमत के साथ विपरीत राय रखती है, तो उस सदस्य के पास सदन की कार्यवाही में भाग लेने और अपनी बात बताने और दूसरों को तर्क आदि से समझाने का बहुत अच्छा अवसर होता है। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘अगर आप अपना संवैधानिक कर्तव्य अदा नहीं करते, यदि आप चर्चा में भाग नहीं लेते, अगर आप अपनी राय नहीं रखते। उन्होंने कहा और फिर आप बाहर कुछ कहते हैं तो आपके पास बहुमूल्य अवसर था, संवैधानिक मंच था, एक दुर्लभ अवसर था जो केवल संसद सदस्यों के लिए उपलब्ध है, आप उस अवसर का लाभ उठाने में विफल रहते हैं, एक तरह से आप अपना अधिकार खो देते हैं।’ धनखड़ ने कहा कि आप भाग नहीं लेकर, चुप्पी साधकर अपनी सहमति जताते हैं। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लेना और बाहर बयान देना सही नहीं है।