धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस वर्ष धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। सनातन शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। तब से लेकर आज तक, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर उनकी पूजा का विधान है।
धनतेरस 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिषियों के अनुसार, धनतेरस के दिन प्रदोष काल और वृषभ लग्न के दौरान मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है।
पूजन के लिए शुभ समय:
- प्रदोष काल: संध्या काल 05 बजकर 38 मिनट से लेकर 08 बजकर 13 मिनट तक।
- वृषभ काल: शाम 06 बजकर 31 मिनट से लेकर संध्या काल 08 बजकर 13 मिनट तक।
धनतेरस शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन पूजा हस्त नक्षत्र में की जाएगी, जिससे सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
शहर अनुसार समय
- कोलकाता: शाम 05:57 से 07:33
- चंडीगढ़: शाम 06:29 से 08:13
- नोएडा: शाम 06:31 से 08:12
- नई दिल्ली: शाम 06:31 से 08:13
- गुरुग्राम: शाम 06:32 से 08:14
- जयपुर: शाम 06:40 से 08:20
- चेन्नई: शाम 06:44 से 08:11
- हैदराबाद: शाम 06:45 से 08:15
- बेंगलुरु: शाम 06:55 से 08:22
- अहमदाबाद: शाम 06:59 से 08:35
- पुणे: शाम 07:01 से 08:33
- मुंबई: शाम 07:04 से 08:37
पंचांग
- सूर्योदय: सुबह 06:31
- सूर्यास्त: शाम 05:38
- चंद्रोदय: सुबह 04:27
- चंद्रास्त: दोपहर 03:57
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:48 से 05:40
- विजय मुहूर्त: दोपहर 01:56 से 02:40
- गोधूलि मुहर्त: शाम 05:38 से 06:04
- निशिता मुहर्त: 11:39 से 12:31
धनतेरस पर पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि की वृद्धि होती है। ध्यान रखें कि इस दिन की गई पूजा से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।