दिल्ली में CM आवास पर विवाद: PWD ने सील किया बंगला, आतिशी का सामान बाहर

दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा खाली किए गए बंगले में मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी का सामान पहुंचने के बाद PWD ने उसे सील कर डबल लॉक लगा दिया है। PWD का आरोप है कि केजरीवाल ने बंगला अभी तक नियमों के अनुसार हैंडओवर नहीं किया है।

केजरीवाल के कार्यकाल के दौरान जिस बंगले में उन्होंने निवास किया, उसी बंगले में अब सीएम आतिशी का सामान पहुंचा है। PWD के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी आवास को खाली करने के बाद, पहले इसका कब्जा लिया जाना चाहिए और उसकी इन्वेंटरी बनाई जानी चाहिए, उसके बाद ही इसे किसी और को आवंटित किया जाता है।

इस विवाद को बढ़ाने वाला एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें सुनीता केजरीवाल बंगले की चाबी किसी अधिकारी को सौंपती दिख रही हैं। हालांकि, PWD के एक अधिकारी ने 6 अक्टूबर को चिट्ठी लिखकर बताया कि चाबी सौंपने के कुछ समय बाद ही इसे वापस ले लिया गया था और बंगला पूरी तरह PWD को हैंडओवर नहीं किया गया।

दिलचस्प बात यह है कि सुनीता केजरीवाल ने जिस व्यक्ति को चाबी सौंपी, वह PWD का अधिकारी नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के स्पेशल सेक्रेटरी प्रवेश रंजन झा थे। इस कारण से PWD की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।

LG हाउस के सूत्रों के अनुसार, जिस आवास को लेकर विवाद है, वह आधिकारिक ‘मुख्यमंत्री आवास’ नहीं है, बल्कि इसका मालिक PWD है। वर्तमान में इस बंगले के निर्माण को लेकर विजिलेंस जांच चल रही है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि मुख्यमंत्री आतिशी को 17 AB मथुरा रोड का आवास पहले से ही आवंटित किया गया है, ऐसे में उन्हें दो सरकारी आवास कैसे मिल सकते हैं?

PWD ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए इस बंगले को सील कर दिया है और दिल्ली के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने PWD के दो सेक्शन ऑफिसर और मुख्यमंत्री के स्पेशल सेक्रेटरी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

बीजेपी ने भी इस मामले पर हमला बोला है, आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास खाली नहीं किया, बल्कि केवल एक वीडियो जारी कर ड्रामा किया है। दूसरी ओर, AAP का आरोप है कि बीजेपी इस बंगले पर कब्जा करना चाहती है और LG के निर्देश पर सीएम आतिशी का सारा सामान सीएम आवास से बाहर निकाल दिया गया है।

इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में नया विवाद उत्पन्न कर दिया है, जिससे राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। PWD की आगामी कार्रवाई और LG हाउस की दिशा निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।

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