प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलigare एंटरप्राइजेज लिमिटेड (REL) की कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. रश्मि सालूजा और कंपनी के दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह FIR बर्मन परिवार (डाबर समूह) के खिलाफ एक ‘झूठे’ मामले में गंभीर आरोपों और 179 करोड़ रुपये के अवैध लाभ को लेकर दर्ज की गई है।
FIR में IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए गए हैं। इसमें REL के पूर्व निदेशकों, मलविंदर मोहन सिंह और शिविंदर मोहन सिंह, तथा अन्य पर मनी लॉन्डरिंग के आरोपों की जांच की जा रही है। शिकायतकर्ता वैभव जलिंदर गवली ने REL की संपत्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है, जिसमें बर्मन परिवार भी शामिल है।
संबंधित विवरण
FIR के अनुसार, 12 अगस्त को ED द्वारा बयान दर्ज करते समय गवली ने यह दावा किया कि उनके पास कंपनी को अधिग्रहित करने के प्रयास को साबित करने के लिए कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है। गवली ने यह भी कहा कि सालूजा के निर्देशों पर आधारित तथ्यों का जिक्र किया गया था। इसके अलावा, FIR में यह भी दावा किया गया है कि सालूजा, अग्रवाल और सिंगल ने गवली को REL के 500 शेयर खरीदने के लिए 1.2 लाख रुपये और बर्मनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए 80,000 रुपये दिए।
FIR के अनुसार, गवली की बैंक लेनदेन की जांच से पता चला कि उन्होंने पैसे प्राप्त करने की पुष्टि की। FIR ने REL और उसकी सहायक कंपनियों से धन के दुरुपयोग और सालूजा और अन्य के लिए 179.54 करोड़ रुपये के लाभ की भी जांच की है। शिकायत का उद्देश्य कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों के प्रस्तावित अधिग्रहण को विफल करना और अवैध लाभ की पहचान को छुपाना था।
कंपनी का पक्ष
REL ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए भारतीय एक्सप्रेस को कोई उत्तर नहीं दिया। हालांकि, एक वरिष्ठ कंपनी अधिकारी ने कहा कि गवली द्वारा दर्ज की गई पहली FIR नवंबर 2023 में अदालत के निर्देशों के अनुसार दर्ज की गई थी। इसके आधार पर, ED ने आठ महीने बाद शिकायत दर्ज की, लेकिन गवली के आरोपों की जांच की बजाय, ED ने REL के अधिकारियों से ESOPs के बारे में जानकारी मांगी, जबकि वे अभी तक एक्सरसाइज नहीं किए गए हैं।