स्पेन ने यूरो कप 2024 के फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को 2-1 से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार यूरोपीय चैम्पियनशिप का खिताब जीता। रविवार को जर्मनी के बर्लिन में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में स्पेन के खिलाड़ी मिकेल ओयारजाबल ने 87वें मिनट में गोल दागा। उनके इस गोल की बदौलत स्पेन की टीम एक बार फिर चैंपियन बनी। इससे पहले स्पेन ने 1964, 2008 और 2012 में यूरो कप का खिताब अपने नाम किया था।
पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड की फाइनल में हार
बर्लिन के ओलंपियास्टेडियन में खेले गए फाइनल मुकाबले के अंतिम क्षणों में ओयारजाबल ने मार्क कुकुरेला के क्रॉस पर गोल कर स्पेन को निर्णायक बढ़त दिलाई। यह गोल ऐसे समय पर आया जब एक-एक गोल की बराबरी पर खेल रही दोनों टीमों के बीच मुकाबला एक्स्ट्रा टाइम में जाने की संभावना थी। इस साल पूरे टूर्नामेंट में इंग्लैंड ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन फाइनल में उनकी उम्मीदें टूट गईं। यूरो कप की इस दर्दनाक हार के बाद इंग्लैंड दुनिया की सबसे निराशाजनक प्रदर्शन करने वाली राष्ट्रीय टीमों में से एक बन गई है।
फाइनल मुकाबले का पहला गोल और इंग्लैंड की बराबरी
स्पेन ने इंग्लैंड की उम्मीदों को ध्वस्त करते हुए रिकॉर्ड चौथी बार यूरोपीय चैम्पियनशिप खिताब जीता। इंग्लैंड की टीम का दशकों पुराना इंतजार अभी भी जारी है। मैच के 73वें मिनट में इंग्लैंड के स्थानापन्न खिलाड़ी कोल पामर ने बराबरी का गोल किया। इससे पहले, 47वें मिनट में स्पेन के 17 वर्षीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी लैमिन यामल के शानदार पास पर निको विलियम्स ने फाइनल का पहला गोल किया।
ब्रिटेन के शाही परिवार से प्रिंस विलियम और स्पेन के किंग फेलिप की उपस्थिति
इंग्लैंड की पुरुष टीम यूरो कप के लगातार दो संस्करणों में फाइनल मुकाबले हार चुकी है। 1966 में विश्व कप जीतने के बाद बीते 58 साल में इंग्लैंड अब तक कोई बड़ा फुटबॉल टूर्नामेंट या खिताब नहीं जीत सकी है। यूरो कप 2024 में शानदार फॉर्म में रही इंग्लैंड की टीम के फाइनल में पहुंचने के बाद ब्रिटेन के शाही परिवार से प्रिंस विलियम भी मुकाबला देखने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। फाइनल मुकाबले में स्पेन के किंग फेलिप भी मौजूद थे। जब रेफरी ने फाइनल मुकाबले की अंतिम सीटी बजाई, तब प्रिंस विलियम्स को अपने चेहरे को हथेलियों से छिपाते देखा गया। उनके साथी उन्हें सांत्वना देने के लिए गले लगाते नजर आए।
इस तरह स्पेन ने एक बार फिर साबित किया कि वह यूरोपीय फुटबॉल की सबसे मजबूत टीमों में से एक है। इंग्लैंड की टीम को अब अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना होगा ताकि वे भविष्य में ऐसे महत्वपूर्ण मुकाबलों में जीत हासिल कर सकें।