उत्तराखंड में भारी बारिश ने कहर बरपाया है, जिससे राज्य की सड़कों और पुलों को व्यापक नुकसान हुआ है। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता डीके यादव ने बताया कि रानीखेत, मुयालगांव, सोनप्रयाग और केदारनाथ मार्ग पर भारी बारिश के कारण सड़कों और पुलों को गंभीर क्षति पहुंची है।
उत्तराखंड में मानसून सीजन के दौरान अब तक 2400 सड़कें और 25 पुल प्रभावित हुए हैं। राज्य को 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जिसमें से पांच पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन पुलों के पुनर्निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है।
डीके यादव ने बताया कि भारी बारिश से प्रभावित रानीखेत, मुयालगांव, सोनप्रयाग और केदारनाथ मार्ग पर दो पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। राहत कार्य तेजी से जारी है और वैकल्पिक व्यवस्था बनाने का काम भी शुरू हो चुका है।
पिछले साल भी राज्य को भारी बारिश से 450 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसमें से कुछ राशि केंद्र सरकार से आपदा राहत के रूप में मिली थी, लेकिन बाकी सड़कों को राज्य सरकार को अपने बजट से ठीक करना पड़ा था।
राज्य में 169 सड़कें बारिश के कारण बंद हो गई हैं, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सबसे अधिक 41 सड़कें चमोली जिले में बंद हैं, जबकि अन्य जिलों में भी कई सड़कें बंद पड़ी हैं।
मुख्यमंत्री का केंद्र से सहयोग का अनुरोध
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से राज्य की क्षतिग्रस्त सड़कों के पुनर्निर्माण में सहयोग का अनुरोध किया है। उन्होंने चारधाम और अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय सड़क निधि में धनराशि मंजूर करने की भी अपील की है।
भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में सड़कों और पुलों को हुए नुकसान से राज्य की परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग राहत कार्य में जुटे हुए हैं, लेकिन इस संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार की मदद की आवश्यकता है।