हिमंता बिस्वा सरमा का विवादास्पद बयान: प्राइवेट यूनिवर्सिटी के ढांचे को मक्का जैसा बताया

Himanta Biswa Sarma’s controversial statement described the structure of private universities as similar to Mecca

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हाल ही में एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के ढांचे को लेकर विवादित टिप्पणी की है। सरमा ने कहा कि यूनिवर्सिटी के गेट पर बने तीन डोम मक्का की याद दिलाते हैं, जिससे उन्हें शर्मिंदगी महसूस होती है। यह यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मेघालय (USTM) है, जिसे बंगाली मूल के मुसलमान महबुबुल हक ने स्थापित किया है।

बयान का सार

  • सरमा ने यूनिवर्सिटी के गेट और ढांचे की तुलना मक्का से की और कहा कि यह पढ़ाई को बर्बाद कर रहा है।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी के निर्माण के कारण क्षेत्र में बाढ़ आ रही है, जिसे उन्होंने “फ्लड जिहाद” के रूप में वर्णित किया था।
  • सरमा ने दावा किया कि इस यूनिवर्सिटी के गेट के ऊपर बने डोम मक्का की तरह दिखते हैं और यह भारतीय संस्कृति पर हमला है।
  • सरमा ने यह भी कहा कि यदि किसी को धार्मिक स्थल बनाना है, तो सभी धार्मिक स्थलों का निर्माण किया जाना चाहिए, न कि केवल मक्का का।
  • उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वह गुवाहाटी में एक और बड़ा ऑडिटोरियम बना रहे हैं ताकि लोगों को USTM की ओर देखने की आवश्यकता न पड़े।
  • सरमा के बयान ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, और उनके विरोधी यह तर्क कर रहे हैं कि उन्होंने खुद 2021 में इस यूनिवर्सिटी के एक नए हिस्से का उद्घाटन किया था।
  • सरमा का कहना है कि वह उस कार्यक्रम में थे, लेकिन यह एक विशिष्ट समारोह था जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी शामिल हुए थे।
  • USTM का प्रमुख और संस्थापक महबुबुल हक असम के करीमगंज जिले का निवासी है और इस यूनिवर्सिटी को स्थापित करने के लिए जाना जाता है।
  • यह विवादास्पद बयान राजनीतिक और सामाजिक बहसों को जन्म दे सकता है, और सरमा की टिप्पणियाँ वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई हैं।

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