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सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक का महत्व और विधि

Published on July 22, 2024 by Vivek Kumar

सावन का महीना भगवान शिव की पूजा का विशेष समय होता है। इस महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करना बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। जलाभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। आइए जानते हैं सावन में शिवलिंग पर जलाभिषेक का महत्व और इसकी विधि के बारे में।

जलाभिषेक का महत्व

शिवलिंग पर जल चढ़ाने की प्रथा वैदिक काल से चली आ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी समस्याओं का निवारण करते हैं। जलाभिषेक करने से मानसिक शांति मिलती है, और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। सावन के महीने में जलाभिषेक का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि इस समय भगवान शिव धरती पर निवास करते हैं और अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं।

जलाभिषेक की विधि

प्रातःकाल उठें: सावन के महीने में प्रतिदिन प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • शिवलिंग की स्थापना: घर के मंदिर में शिवलिंग स्थापित करें। यदि शिवलिंग पहले से स्थापित है तो उसकी विधिपूर्वक सफाई करें।
  • तांबे के पात्र में जल भरें: तांबे के पात्र में स्वच्छ जल भरें। जल में गंगा जल मिलाने से इसका महत्व और बढ़ जाता है।
  • जल अर्पण करें: तांबे के लोटे से शिवलिंग पर जल अर्पित करें। जल अर्पित करते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
  • पंचामृत अभिषेक: पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से शिवलिंग का अभिषेक करें। अभिषेक के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • बेलपत्र और फूल चढ़ाएं: शिवलिंग पर बेलपत्र, सफेद फूल, धतूरा, और अक्षत (चावल) अर्पित करें।
  • धूप और दीप जलाएं: शिवलिंग के सामने धूप और दीप जलाएं। इससे वातावरण पवित्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • भोग लगाएं: खीर, फल, और मिठाई का भोग भगवान शिव को अर्पित करें।
  • आरती और मंत्र जाप: शिव चालीसा का पाठ करें और अंत में शिव जी की आरती करें। आरती के बाद प्रसाद का वितरण करें।

जलाभिषेक के नियम

  • शुद्धता का पालन: जलाभिषेक करते समय शारीरिक और मानसिक शुद्धता का पालन करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पवित्र भाव से पूजा करें।
  • साफ जल का प्रयोग: शिवलिंग पर अर्पित करने के लिए साफ और शुद्ध जल का प्रयोग करें। गंगा जल मिलाने से इसका महत्व और बढ़ जाता है।
  • व्रत का पालन: जलाभिषेक के दिन व्रत का पालन करें। व्रत के दौरान मांस और मदिरा का सेवन न करें।
  • मन की शांति: जलाभिषेक के दौरान मन शांत रखें और पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की पूजा करें।
  • शिव मंत्रों का जाप: जलाभिषेक करते समय शिव मंत्रों का जाप करें। इससे पूजा का प्रभाव बढ़ता है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
इस प्रकार, सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक कर आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। जलाभिषेक की यह विधि और नियम पालन कर आप भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन की सभी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।

Categories: धार्मिक समाचार