भारत ने गुरुवार को कनाडा पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, आरोप लगाते हुए कि कनाडा ने भारतीय नेताओं और राजनयिकों को धमकी देने वाले खालिस्तान समर्थक तत्त्वों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है। यह प्रतिक्रिया कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को कथित रूप से ऑनलाइन धमकी देने वाले दो लोगों के खिलाफ वहां के अधिकारियों द्वारा हाल ही में की गई कार्रवाई के कुछ दिन बाद आई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “जब कोई लोकतंत्र कानून के शासन और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लागू करने के लिए अलग-अलग मानदंड अपनाता है, तो यह केवल उसके अपने दोहरे मापदंड को ही उजागर करता है।” उन्होंने आगे कहा कि भारत लगातार कनाडा पर दबाव बना रहा है कि वह अपनी धरती पर सक्रिय भारत विरोधी तत्त्वों के खिलाफ ठोस कदम उठाए।
जायसवाल ने कहा, “पिछले कुछ महीनों में, खालिस्तान समर्थक तत्त्वों ने कनाडा में विभिन्न स्थानों पर भारतीय नेताओं और राजनयिकों की तस्वीरों के साथ हिंसक नारों के पोस्टर लगाए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा उन तत्त्वों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेगा जिन्होंने बार-बार भारतीय नेताओं, संस्थाओं, एयरलाइनों और राजनयिकों को धमकी दी है।”
इसके अतिरिक्त, कनाडा के एडमोंटन में एक मंदिर में तोड़फोड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए जायसवाल ने कहा कि भारत ने इस मुद्दे को ओटावा के समक्ष जोरदार तरीके से उठाया है। उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली और ओटावा दोनों जगहों पर कनाडाई अधिकारियों के समक्ष इस मामले को मजबूती से उठाया है। हम तोड़फोड़ की निंदा करते हैं और चाहते हैं कि इस पर कड़ी कार्रवाई की जाए।”
भारत की इस टिप्पणी से साफ है कि वह कनाडा से अपेक्षाएं बढ़ा रहा है और खालिस्तान समर्थक तत्त्वों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग कर रहा है।