भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एकमात्र टैस्ट में दक्षिण अफ्रीका को सोमवार को चौथे और आखिरी दिन दस विकेट से हरा दिया। दक्षिण अफ्रीका को दूसरी पारी में 373 रन पर आउट करने के बाद भारत को जीत के लिए 37 रन का आसान लक्ष्य मिला जो मेजबान ने बिना कोई विकेट गंवाए 9.2 ओवर में हासिल कर लिया। भारत ने पहली पारी छह विकेट पर 603 रन पर घोषित की थी। भारत के लिए सलामी बल्लेबाज शुभा सतीश ने नाबाद 13 और शेफाली वर्मा ने नाबाद 24 रन बनाकर टीम को जीत तक पहुंचाया। भारत ने इससे पहले 2002 में पार्ल र्ल में भी दक्षिण अ अफ्रीका को दस विकेट से हराया था। पहली पारी में 266 रन पर आउट होने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन किया। लौरा वोल्वार्ट ने 314 गेंद में 122 और सुने लुस ने 203 गेंद में 109 रन बनाए। अपने कल के स्कोर दो विकेट पर 232 रन से आगे खेलते हुए वोल्वार्ट और मरियाने काप ने रन बनाना जारी रखा। वोल्वार्ट ने अपना पहला टैस्ट शतक जड़ा और एक ही साल में टैस्ट, वनडे तथा टी20 में शतक बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर बन गई। काप को दीप्ति शर्मा ने 31 के स्कोर पर पगबाधा आउट किया। वहीं स्नेह राणा ने डेल्मी टकर को खाता खोले बिना पवेलियन भेजा। वोल्वार्ट 122 के स्कोर पर राजेश्वरी गायकवाड़ की गेंद पर पगबाधा आउट हुई। दक्षिण अफ्रीका ने 300 रन का आंकड़ा पार किया जो भारत के खिलाफ उसका सर्वोच्च टैस्ट स्कोर है। लंच के बाद सिनालो जाफ्टा रिटायर्ड हर्ट हो गई जबकि एन्ने डेर्कसन पांच रन बनाकर पूजा वस्त्राकर का शिकार हुई।
चेन्नई में टैस्ट श्रृंखला जीतने के बाद ट्राफी के साथ जश्न मनाती भारतीय महिला टीम।
मैच का रुख भारत की ओर झुका था : राणा
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में 10 विकेट चटकाने वाली स्पिनर स्नेह राणा ने कहा कि दूसरी पारी में प्रतिद्वंद्वी टीम की जोरदार वापसी के बावजूद भारत हमेशा मैच को अपने नाम करने को लेकर आश्वस्त था। मैच के शुरुआती ढाई दिनों तब दबदबा बनाने के बावजूद भारत को 10 विकेट की जीत के लिए चौथे और अंतिम दिन तक इंतजार करना पड़ा। राणा ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में मुस्कुराते हुए कहा, ‘क्या आप हमें हतोत्साहित कर रहे हैं? पूरे मैच के दौरान हमारे अंदर सकारात्मक भावनाएं थीं और हमारे दिमाग में यह कभी नहीं आया कि दक्षिण अफ्रीका मैच पर हमसे मजबूत पकड़ बना रहा है। पहली पारी में आठ और दूसरी पारी में दो विकेट चटकाने वाली इस गेंदबाज ने कहा कि मैच का झुकाव हमेशा भारत की ओर था। हमें विश्वास था कि हम कभी भी विकेट ले सकते हैं और वैसा ही हुआ। राणा ने कहा कि जब दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे तब भारतीय टीम को धैर्य बनाये रखना था। राणा ने इस मैच में 188 रन देकर 10 विकेट चटकाये जो झूलन गोस्वामी (78 रन पर 10 विकेट) के बाद किसी भारतीय का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन है।