इराकी संसद में एक विवादास्पद ड्राफ्ट कानून प्रस्तुत किया गया है, जो लड़कियों के लिए विवाह की कानूनी उम्र को 9 साल और लड़कों के लिए 15 साल करने का प्रस्ताव करता है। वर्तमान में, व्यक्तिगत स्थिति कानून के तहत विवाह की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है। यह प्रस्ताव न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक रूप से भी बड़ा विवाद पैदा कर रहा है। महिलाओं के अधिकार और मानवाधिकार समूह इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वे इसे “बाल बलात्कार” को वैध बनाने और शोषण को बढ़ावा देने के रूप में देख रहे हैं।
इस विधेयक के पारित होने से लड़कियों के अधिकारों पर गंभीर असर पड़ेगा। आलोचकों का कहना है कि यह कानून बाल विवाह को कानूनी मान्यता देगा, जिससे युवा लड़कियों के शोषण और उत्पीड़न में वृद्धि होगी। इसके अलावा, यह कानून लड़कियों के शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, और आर्थिक अवसरों तक पहुँच को बाधित करेगा, और लिंग असमानता को और बढ़ावा देगा। विधेयक धार्मिक न्यायालयों को विवाह, तलाक, विरासत, और गोद लेने के मामलों में निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है, जिससे धार्मिक विभाजन और भेदभाव की आशंका बढ़ गई है।
महिला सांसदों ने इस विधेयक का विरोध किया है, हालांकि उनके पुरुष समकक्ष इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं। मानवाधिकार समूह जैसे इन्क्वालिटी नाउ और यूनिसेफ ने इस प्रस्ताव की निंदा की है और इसे मानवाधिकार और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करार दिया है। इराकी महिलाओं के संगठन, जैसे बगदाद महिला संघ और इराकी महिला लीग, इस विधेयक के खिलाफ हैं और लड़कियों के जीवन पर इसके विनाशकारी प्रभावों की चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
विधेयक को 40 सांसदों द्वारा अनुमोदित किया गया है, लेकिन इसे कानून बनाने के लिए पूर्ण संसदीय वोट की आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय दबाव भी बढ़ रहा है, और मानवाधिकार समूह इराकी सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करें और इस प्रस्ताव को अस्वीकार करें।
बाल विवाह के खिलाफ विश्वव्यापी अभियान में शामिल होने के लिए इक्वालिटी नाउ का समर्थन करें। इस प्रस्ताव और इसके इराकी लड़कियों पर संभावित प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाएँ और अपनी चिंताओं को साझा करें। आइए बाल विवाह के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों और इराक में युवा लड़कियों के अधिकारों की सुरक्षा करें!