आयकर रिटर्न दाखिल करना जरूरी, जानें क्यों

आम तौर पर, करदाताओं को यह गलतफहमी होती है कि अगर कर देय नहीं है, तो आयकर रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करना भी अनिवार्य नहीं है. लेकिन, वास्तविकता इससे बिलकुल अलग है. वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए उन लोगों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है जिनका ऑडिट नहीं नहीं हो होगा. कई वेतनभोगी लोगों की धारणा है कि यदि उनके वेतन से उचित टीडीएस काटा गया है, तो उन्हें कोई आइटीआर दाखिल करने की आवश्यकता नहीं है. अधिकांश स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) को ही पूर्ण अनुपालन मानते हैं. यह सही नहीं है. जब किसी व्यक्तिगत करदाता की आय किसी वित्तीय वर्ष में मूल छूट सीमा से कम होती है, तो कर देयता शून्य होती है. इस प्रकार, ऐसे व्यक्ति, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(1) के प्रावधान के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए बाध्य र नहीं हैं. ये लोग ‘निल’ रिटर्न फाइल कर सकते हैं. लेकिन अगर सकल कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक है, तो रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है.

वरिष्ठ नागरिकों को इस स्थिति में रिटर्न से राहत

आयकर अधिनियम की धारा 194पी के अनुसार 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को आयकर रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं है, यदि वे कुछ शर्तों को पूरा करते हैं, जिसमें उनकी आय केवल पेंशन से और जिस बैंक में पेंशन आ रहा है, उसी बैंक से व्याज भी मिल रहा हो. ऐसी स्थिति में बैंक कर काट लेता है और आइटीआर की आवश्यकता नहीं रहती.

पुरानी कर व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा

  • 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति : 2.5 लाख रुपये
  • 60 वर्ष से अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम आयु के व्यक्तिः 3.0 लाख रुपये
  • 80 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तिः 5.0 लाख रुपये
  • नयी कर व्यवस्था के तहत सभी श्रेणियों के करदाताओं के लिए मूल छूट सीमा तीन लाख रुपये है.

इन मामलों में आइटीआर दाखिल करना अनिवार्य

  • एक निश्चित सीमा से अधिक बैंक जमा : यदि एक या अधिक बचत खातों में वार्षिक बैंक जमा 50 लाख रुपये से अधिक है और एक या अधिक चालू खातों में एक करोड़ रुपये से अधिक है.
  • पेशेवर आय 10 लाख से अधिक : यदि आपके पास पेशे से आय है और यह 10 लाख रुपये से अधिक है.
  • बिजली बिल एक लाख रुपये से अधिक: यदि बिजली का सालाना बिल एक लाख रुपये से अधिक है.
  • 25,000 रुपये से अधिक टीडीएस/टीसीएस : यदि किसी व्यक्ति का टीडीएस/टीसीएस 25,000 रुपये से अधिक है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50,000 रुपये है.
  • विदेशी संपत्ति से आय: यदि किसी दूसरे देश में संपत्ति है या वह संपत्ति का लाभार्थी है या भारत के बाहर किसी खाते में हस्ताक्षर करने का अधिकार है.
  • विदेश यात्रा पर खर्च : यदि कोई व्यक्ति वित्तीय वर्ष के दौरान अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये या उससे अधिक खर्च करता है.

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