नई कर व्यवस्था में मानक कटौती 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए की गई।
पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए की गई।
नई कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव तीन-सात लाख रुपए के बीच आय पर पांच फीसद, सात-10 लाख रुपए के लिए 10 फीसद, 10-12 लाख रुपए के लिए 15 फीसद।
नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी आयकर में 17,500 रुपए तक की बचत कर पाएंगे।
कैंसर की तीन दवाओं ट्रैस्टुजुमैबडेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमाब – को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई।
मोबाइल फोन, मोबाइल सर्किट बोर्ड असेंबली और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाकर 15 फीसद किया गया।
सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर छह फीसद और प्लैटिनम पर 6.4 फीसद किया गया।
प्रतिभूतियों के वायदा एवं विकल्प सौदों पर लगने वाले प्रतिभूति लेनदेन कर को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 फीसद और 0.1 फीसद किया गया।
शेयरों की पुनर्खरीद पर होने वाली आय पर कर लगाया जाएगा।
स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल कर समाप्त कर दिया गया।
विदेशी कंपनियों पर कारपोरेट कर की दर 40 से घटाकर 35 फीसद करने का प्रस्ताव।
अपील में लंबित आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना, 2024 लाई जाएगी।
कर न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में प्रत्यक्ष कर, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा बढ़ाकर क्रमशः 60 लाख रुपए, दो करोड़ रुपए और पांच करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव।
कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर अल्पकालिक लाभ पर 20 फीसद कर।
सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक लाभ पर 12.5 फीसद कर।
सूचीबद्ध शेयरों से हुए 1.25 लाख रुपए तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कर छूट दी गई.
ई-कामर्स कंपनियों पर टीडीएस की दर एक से घटाकर 0.1 फीसद की गई।
विवरण दाखिल करने की नियत तिथि तक टीडीएस के भुगतान में देरी को अपराध की श्रेणी से मुक्त किया गया।
आयकर आकलन को तीन साल से पांच साल तक दोबारा खोला जा सकता है। हालांकि यह उसी समय होगा जब बची हुई आय 50 लाख रुपए या उससे अधिक हो।
सरकार आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा छह महीने में पूरी करेगी।
जीएसटी को सरल और युक्तिसंगत बनाया जाएगा ताकि बाकी क्षेत्रों तक इसका विस्तार किया जा सके।
राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी का 4.9 फीसद रहने अनुमान, अगले साल 4.5 फीसद से कम रहने का अनुमान।
बजट में विनिर्माण एवं सेवाओं सहित नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों की रूपरेखा दी गई।
बजट में रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई, मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए आबंटित।
वित्त वर्ष 2024-25 का पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ निर्धारित।
बिहार में कुछ सिंचाई और बाढ़ रोकथाम परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता।
आंध्र प्रदेश को 15,000 करोड़ रुपए की विशेष वित्तीय सहायता।