कानपुर: रविवार सुबह एक बड़ा ट्रेन हादसा तब टल गया जब उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर एक LPG सिलेंडर पाया गया। मालगाड़ी के लोको पायलट ने सिलेंडर देखकर तुरंत ब्रेक लगाए और हादसा होने से रोक लिया।
लगातार चौथा प्रयास
सितंबर महीने में यह चौथी बार है जब अज्ञात तत्वों द्वारा ट्रेनों को पटरी से उतारने का प्रयास किया गया है। इससे पहले 8 सितंबर को, प्रयागराज से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस भी कानपुर में ट्रैक पर रखे एक LPG सिलेंडर से टकराई थी। उस समय भी ट्रेन के पायलट ने सिलेंडर के साथ-साथ अन्य संदिग्ध वस्तुएं, जैसे पेट्रोल की बोतल और माचिस की तीलियां, ट्रैक पर देखी थीं।
बढ़ती घटनाएं
भारतीय रेलवे ने 10 सितंबर को बताया कि अगस्त से अब तक 18 बार ट्रेनों को डिरेल करने की कोशिश की जा चुकी है। जून 2023 से अब तक 24 ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें रेलवे ट्रैक पर LPG सिलेंडर, साइकिल, लोहे की छड़ें, और सीमेंट ब्लॉक जैसी वस्तुएं पाई गई हैं। अगस्त में 15 और सितंबर में 4 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें से ताजा मामला कानपुर का है।
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) इस मामले की गहन जांच कर रही हैं और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।