पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में एक पहल की है, जिसमें वह देशभर में 1 जुलाई को लागू हुए नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा करेगी। इस मुद्दे पर कोलकाता हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशिम राय की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय पैनल गठित किया गया है। इस पैनल को तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का कार्य है।
भारत सरकार ने हाल ही में तीन नए आपराधिक कानून लागू किए हैं – भारतीय न्याय संहिता 2023 (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 (BSA)। ये कानून पूर्व में लागू हो रहे भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता, और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लिए गए हैं।
पश्चिम बंगाल के गृह विभाग ने इस समीक्षा के लिए एक समिति गठित की है, जिसमें राज्य के कानून मंत्री मलय घटक और वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी शामिल हैं। इस समिति को सभी विशेषज्ञों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, अनुसंधान सहायकों, और कानून विशेषज्ञों से चर्चा करके तीन महीने में रपट प्रस्तुत करनी होगी।
ममता बनर्जी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नए आपराधिक कानूनों को स्थगित करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इन कानूनों के लागू होने से पहले उनकी समीक्षा और संसदीय सहमति की आवश्यकता है, ताकि लोकतंत्र की मूलभूत सिद्धांतों को सुनिश्चित किया जा सके।