नई दिल्ली | बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महाराष्ट्र में ₹7,600 करोड़ की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस मौके पर उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि कांग्रेस देश को बांटने की राजनीति करती है।
पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस के एक भी नेता ने आज तक नहीं कहा कि हमारे मुस्लिम भाई-बहनों में कितनी जातियां होती हैं। जैसे ही मुस्लिम समाज की जातियों की बात आती है, कांग्रेसी नेता मुंह पर ताला लगाकर बैठ जाते हैं। लेकिन जब भी हिंदू समाज की बात होती है, तो कांग्रेस उनकी चर्चा जाति से ही शुरू करती है।”
कांग्रेस का फॉर्मूला- बांटो और राज करो
पीएम ने आगे कहा कि कांग्रेस मुसलमानों के मन में भय का माहौल पैदा कर उन्हें वोट बैंक में बदलने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस का फॉर्मूला साफ है – मुसलमानों को डराओ, भय दिखाओ और वोट बैंक में बदलो। दूसरी तरफ, कांग्रेस हिंदू समाज को जातियों में बांटकर सत्ता पाने की राजनीति करती है।”
मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र में हुए विकास कार्यों की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा दिया है, जो महाराष्ट्र के लोगों का दशकों पुराना सपना था। उन्होंने कहा, “जब एक भाषा को उसका गौरव मिलता है, तो सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि पूरी पीढ़ी को नया जोश मिलता है।”
विकास की गति तेज़, भ्रष्टाचार धीमा
पीएम मोदी ने कांग्रेस की सरकारों की तुलना करते हुए कहा कि उनकी सरकार में विकास की गति तेज़ हुई है, जबकि कांग्रेस के राज में भ्रष्टाचार चरम पर था। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कई बड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है, जिसमें नागपुर और शिर्डी एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण शामिल है।
हरियाणा के नतीजों पर बोले पीएम
प्रधानमंत्री ने हाल ही में हुए हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव परिणामों का ज़िक्र करते हुए कहा कि हरियाणा के लोगों ने लगातार तीसरी बार बीजेपी को चुनकर देश का मिजाज साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सारे षड्यंत्रों को जनता ने नकार दिया और दलित समाज ने भी कांग्रेस की राजनीति को समझ लिया है।
कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री मोदी पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि पीएम सरकारी मंचों का उपयोग विपक्ष पर हमला करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स के पैसे का दुरुपयोग राजनीतिक भाषणों के लिए नहीं होना चाहिए।