बेंगलुरु में हाल ही में सामने आया महालक्ष्मी मर्डर केस लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस केस का मुख्य आरोपी मुक्तिरंजन प्रताप रे, जिसने महालक्ष्मी की हत्या कर दी, ओडिशा में आत्महत्या कर चुका है। इस भयावह घटना के कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
मुक्तिरंजन की मां का खुलासा: हत्या से पहले बताया था सच
मुक्तिरंजन ने आत्महत्या से पहले अपनी मां को इस भयानक घटना की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि महालक्ष्मी से उनकी बहस के बाद उसे गुस्से में मार डाला और उसकी लाश के 59 टुकड़े कर दिए। मां ने दावा किया कि हत्या की मुख्य वजह महालक्ष्मी द्वारा मुक्तिरंजन को लगातार ब्लैकमेल करना था।
ब्लैकमेल का खेल: महालक्ष्मी ने सोने की चेन और 7 लाख रुपये लिए
मुक्तिरंजन के छोटे भाई सत्यरंजन ने बताया कि महालक्ष्मी, मुक्तिरंजन को ब्लैकमेल कर रही थी। उसने मुक्तिरंजन से सोने की चेन और 7 लाख रुपये ले लिए थे, और इसके बाद भी लगातार उसे ब्लैकमेल कर रही थी। इस दबाव और पारिवारिक तनाव ने मुक्तिरंजन को इस घिनौने अपराध की ओर धकेला।
मृत्यु के बाद सुसाइड नोट और डायरी से खुलासा
मुक्तिरंजन की आत्महत्या के बाद पुलिस को एक सुसाइड नोट और एक डायरी मिली, जिसमें उसने महालक्ष्मी की हत्या का पूरा विवरण लिखा था। सुसाइड नोट में उसने स्पष्ट किया कि महालक्ष्मी उसे किडनैपिंग के केस में फंसाने की धमकी दे रही थी, जिसके कारण उसने उसकी हत्या कर दी।
महालक्ष्मी के घर से मिले सुराग
पुलिस ने महालक्ष्मी के घर से CCTV फुटेज और अन्य सबूत इकट्ठा किए। 2 सितंबर की रात महालक्ष्मी के घर पर दो लोग स्कूटी से पहुंचे थे। इन फुटेज से यह साफ हो गया कि हत्या के समय महालक्ष्मी के साथ और कोई नहीं था।
खुदकुशी से पहले घर आया था मुक्तिरंजन
मुक्तिरंजन अपनी आत्महत्या से पहले अपने घर ओडिशा आया था। उसकी मां ने बताया कि वह सुबह 4 बजे घर से निकला और जाते वक्त अपना लैपटॉप और कुछ कीमती चीजें लेकर चला गया।
पुलिस की जांच के तीन प्रमुख बिंदु
- अशरफ और महालक्ष्मी के भाई पर शक: महालक्ष्मी के भाई उक्कम और उसके दोस्त अशरफ पर भी पुलिस को शक है कि कहीं उन्होंने ही मुक्तिरंजन पर किडनैपिंग का आरोप लगाकर उसे ब्लैकमेल तो नहीं किया था।
- मुक्तिरंजन का लैपटॉप: पुलिस अब मुक्तिरंजन के लैपटॉप का डेटा रिकवर करने में जुटी है, जिससे और भी अहम खुलासे हो सकते हैं।
- महालक्ष्मी का शादी का दबाव: महालक्ष्मी मुक्तिरंजन पर शादी करने का दबाव बना रही थी। वह अक्सर काम के दौरान किसी अन्य महिला से मुक्तिरंजन का बात करना बर्दाश्त नहीं करती थी।
इस केस ने समाज में महिलाओं और पुरुषों के बीच आपसी रिश्तों की जटिलता को उजागर किया है। पुलिस की जांच अब भी जारी है, और जल्द ही इस हत्याकांड के और भी तथ्य सामने आने की उम्मीद है।
महालक्ष्मी और मुक्तिरंजन की कहानी ने समाज में गहरे सवाल खड़े किए हैं, जो रिश्तों के नाम पर हो रहे अपराधों पर सोचने को मजबूर करते हैं।