दिल्ली विश्वविद्यालय का हिन्दू अध्ययन केंद्र अपने विद्यार्थियों को वैकल्पिक विषयों के रूप में वैदिक साहित्य का परिचय, उपनिषद परिचय, ‘धर्म और जाति’ जैसे विकल्प देने की योजना बना रहा है। अपने पाठ्यक्रम का विस्तार करने और छात्रों को विकल्पों की विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने हिंदू अध्ययन में विशेषज्ञता हासिल करने के इच्छुक छात्रों के लिए छह नए वैकल्पिक विषय शुरू करने का प्रस्ताव दिया है और विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद से इनके अनुमोदन की प्रतीक्षा हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक 12 जुलाई को होनी है। ये संशोधन हिंदू अध्ययन केंद्र की शासी निकाय की सिफारिशों के आधार पर प्रस्तावित हैं। एक अधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम के अतिरिक्त, हिंदू अध्ययन केंद्र अब हिंदू धर्म के विभिन्न पहलुओं पर विषय पेश करने की योजना बना रहा है। इनमें मानवता के लिए भगवद् गीता हिंदू विचारक और पुराण परिचय पर शोधपत्र भी शामिल होंगे। प्रस्तावित ऐच्छिक विषयों के शिक्षण उद्देश्य में कहा गया है कि हिंदू विचारकों पर आधारित शोध पत्र का उद्देश्य छात्रों को प्राचीन और आधुनिक समय के प्रतिष्ठित हिंदू विचारकों के प्रमुख विचारों से परिचित कराना है।
टिप्पणीकारों के साहित्यिक कार्यों के बारे में जानेंगे
वैदिक साहित्य परिचय नामक पेपर के तहत छात्र ‘ऋग्वेद’ से लेकर ‘वेदांगों’ तक प्रमुख वैदिक और उपनिषदिक टिप्पणीकारों के साहित्यिक कार्यों के बारे में जानेंगे। वहीं ‘उपनिषद परिचय’ नामक वैकल्पिक पेपर उपनिषदों में विश्लेषण के अनुसार मूलभूत ‘हिंदुत्व’ का परिचय देगा। इसके अलावा हिंदू थिंकर्स पेपर का उद्देश्य छात्रों को प्राचीन और आधुनिक काल के प्रतिष्ठित हिंदू विचारकों के प्रमुख विचारों से परिचित कराना है। इसके अलावा ‘धर्म और धम’ नाम का पेपर हिंदू ‘अध्यात्म’ और ‘धर्म की मूलभूत अवधारणाओं को पेश करेगा और विकसित करेगा, उनकी तुलना पश्चिमी धार्मिक परंपराओं से करेगा। केंद्र उन छात्रों के लिए दो सामान्य लघु ऐच्छिक शुरू करने की भी योजना बना रहा है, जो हिंदू अध्ययन में पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने वाणिज्य, राजनीति विज्ञान या कंप्यूटर विज्ञान को अपने मुख्य विषयों के रूप में चुना है। इन छात्रों को हिंदू अध्ययन से परिचित कराने के लिए ‘हिंदू जीवन दृष्टि’ और ‘हिंदू मनोविज्ञान’ नामक पेपर की पेशकश की जाएगी। इसके अतिरिक्त, केंद्र विशेष रूप से राजनीति विज्ञान के छात्रों के लिए छह नए अंतः विषय ऐच्छिक पेश करने की योजना बना रहा है।