आगरा में ताजमहल में पूजा अर्चना की अनुमति की मांग को लेकर सिविल जज कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में यह दावा किया गया कि ताजमहल असल में तेजोमहालय है। 12 नवंबर को इस मामले की सुनवाई सिविल जज (जूनियर डिवीजन) 6 की कोर्ट में होगी।
पिछली सुनवाई पर ASI की एप्लिकेशन कोर्ट ने खारिज की
23 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में मृत्युंजय श्रीवास्तव की कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा केस की नकल मांगे जाने के आवेदन को खारिज कर दिया था।
तर्क: ताजमहल भगवान शिव का मंदिर
आगरा के बीजेपी नेता अजय तोमर ने 23 जुलाई, 2024 को यह याचिका दाखिल की थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि ताजमहल दरअसल भगवान शिव का मंदिर है, जिसे मुगलों ने तोड़कर उसका रूप बदल दिया। उन्होंने सावन के महीने में ताजमहल (तेजोमहालय) में पूजा-अर्चना और जलाभिषेक की अनुमति मांगी है।
ASI ने मांगी थी केस की नकल
अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि ASI के अधिवक्ता ने केस की नकल मांगने के लिए आवेदन दिया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। उनका कहना था कि ASI के पास ताजमहल को मकबरे के रूप में पेश करने के कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
मुस्लिम पक्षकार ने ताजमहल को वक्फ संपत्ति बताया
मुस्लिम पक्षकार सैयद इब्राहीम हुसैन जैदी ने ताजमहल को वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया। हालांकि, भारतीय संघ की ओर से अब तक कोई न्यायालय में हाजिर नहीं हुआ है।