चेक और UPI लेनदेन में हालिया बदलावों की घोषणा से वित्तीय लेनदेन की प्रक्रिया में तेजी और सुधार होगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चेक भुगतान की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
चेक भुगतान की नई व्यवस्था
अब चेक जमा करने से लेकर राशि आने तक की प्रक्रिया में लगने वाला समय कम हो जाएगा। वर्तमान में, चेक के भुगतान में दो दिन का समय लगता है, लेकिन नई व्यवस्था के तहत चेक जमा करने के कुछ ही घंटों में भुगतान हो जाएगा। यह बदलाव चेक ट्रांजेक्शन सिस्टम (सीटीएस) में सुधार के लिए किया गया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि सीटीएस की मौजूदा ‘बैच’ प्रक्रिया की जगह अब निरंतर आधार पर समाशोधन की व्यवस्था की जाएगी। नई प्रणाली में चेक को स्कैन किया जाएगा, प्रस्तुत किया जाएगा और कुछ घंटों में निपटाया जाएगा। इसके साथ ही, विस्तृत दिशानिर्देश भी जल्दी ही जारी किए जाएंगे।
UPI के माध्यम से कर भुगतान की सीमा में वृद्धि
UPI के जरिये कर भुगतान की सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दी गई है। यह कदम UPI को एक अधिक सुविधाजनक और प्रभावी भुगतान माध्यम बनाने के लिए उठाया गया है। आरबीआई ने बताया कि UPI की बढ़ती लोकप्रियता और इसके सहज उपयोग को देखते हुए कर भुगतान की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत विभिन्न उपयोग-मामलों के आधार पर भुगतान की सीमा की समीक्षा की गई है।
डिजिटल भुगतान में और सुधार
आरबीआई ने ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ की शुरुआत करने का प्रस्ताव भी किया है। इसके तहत एक उपयोगकर्ता को किसी अन्य व्यक्ति के लिए UPI लेनदेन की सीमा निर्धारित करने की अनुमति मिलेगी। यह कदम डिजिटल भुगतान की पहुंच और उपयोग में वृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
इसके अलावा, आरबीआई ने अनधिकृत कंपनियों की निगरानी के लिए डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स के आंकड़े सार्वजनिक करने का भी प्रस्ताव दिया है। इस तरह के कदम डिजिटल वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को और मजबूत बनाएंगे।