श्रीनगर, 20 अगस्त: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद अपने पार्टी का घोषणापत्र जारी किया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35A को बहाल करेंगे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में 12 गारंटी शामिल हैं, जैसे जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करना और 2000 में विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव को लागू करना। इसके साथ ही PSA को खत्म कर राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का भी वादा किया गया है। भाजपा ने इस घोषणापत्र को राष्ट्रविरोधी बताया है।
उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वे भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत शुरू कराने का प्रयास करेंगे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदलते।
फारूक अब्दुल्ला के पूर्व के बयान
मई में, फारूक अब्दुल्ला, जो उमर अब्दुल्ला के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री हैं, ने पाकिस्तान का उल्लेख किया था। राजनाथ सिंह के ‘POK का भारत में विलय होगा’ बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, फारूक ने कहा था कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है और वह उसका उपयोग कर सकता है।
जम्मू-कश्मीर चुनाव की घोषणा
16 अगस्त को चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की। राज्य में तीन फेज में वोटिंग होगी। कुल 90 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। पहले फेज के चुनाव के लिए गजट नोटिफिकेशन 20 अगस्त से शुरू होगा और पहले फेज के नामांकन की अंतिम तारीख 27 अगस्त होगी।
कांग्रेस का गठबंधन प्रयास
कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और PDP के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना है। पार्टी का मानना है कि समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक साथ लाना लाभकारी होगा।