कठुआ आतंकी हमले के बाद अभियान तेज, जम्मू-कश्मीर के जंगलों में तलाशी, कई हिरासत में

जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सेना के गश्ती दल पर घात लगाकर हमला करने के जिम्मेदार आतंकवादियों को पकड़ने के लिए कठुआ- उधमपुर-डोडा इलाके के घने जंगलों में तलाशी अभियान गुरुवार को चौथे दिन भी जारी रही और सुरक्षाबलों ने इस अभियान को तेज करते हुए अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया। घटना के बाद से करीब 60 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है जिनमें वे तीन संदिग्ध भी शामिल हैं जिन्होंने आतंकवादियों को रसद की आपूर्ति की थी और आश्रय दिया था। दूसरी ओर, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), जम्मू-कश्मीर और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को कठुआ में बैठक की और इस दौरान वास्तविक समय में खुफिया जानकारी साझा करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की ताकि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ रोधी तंत्र को और मजबूत किया जा सके। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही आतंकवादियों ने सेना के गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया था। अधिकारियों के मुताबिक, जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें वह महिला भी शामिल है जिसने खाना पकाकर एक व्यक्ति को दिया था। उसके द्वारा पकाया गया खाना 10 से 15 लोगों के लिए पर्याप्त था। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि उक्त खाना आतंकवादियों के लिए था। दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने कठुआ में अहम बैठक की और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। माना जा रहा है कि आतंकवादियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ की। अधिकारियों ने बताया कि अंतर राज्यीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर और पंजाब से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमापार से होने वाली घुसपैठ से निपटने, जम्मू संभाग और सीमावर्ती पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि बैठक में जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन, पंजाब के उनके समकक्ष गौरव यादव और बीएसएफ के विशेष महानिदेशक, सेना पश्चिमी कमान वाईबी खुरानिया सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए। तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई और कमियों को दूर करने पर जोर दिया गया ताकि पाकिस्तान की ओर से होने वाली घुसपैठ को रोका जा सके। बैठक में पुलिस और सीमा सुरक्षा एजंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करने तथा वास्तविक समय में जानकारी साझा करने पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान आतंकवादी खतरों तथा हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए तालमेल को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, तलाशी अभियान के दौरान जवान सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं क्योंकि आतंकवादियों द्वारा संवर्धित विस्फोट उपकरण (आइईडी) लगाए जाने का खतरा है। अधिकारियों ने बताया कि तलाश अभियान का दायरा जम्मू संभाग के कठुआ, उधमपुर और डोडा जिलों के पहाड़ी इलाकों तक बढ़ा दिया गया है क्योंकि जून से ही इन इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। सेना की नौवीं कोर के जवानों ने कठुआ की पहाड़ियों में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है जबकि 16वीं कोर के डेल्टा फोर्स ने अतिरिक्त जवानों को उधमपुर और डोडा जिलों में भेजा है और खासतौर पर सियोज धार इलाके पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जो ऐतिहासिक रूप से 1990 में आतंकवादियों का पनाहगाह रहा है, मुख्यरूप से विदेशी आतंकवादियों के लिए। यह पहाड़ी इलाके की घेराबंदी के लिए किया जा रहा है ताकि आतंकवादी बचकर भाग न सके। उन्होंने कहा कि जमीन पर अभियान को अंजाम दे रहे जवानों की मदद ड्रोन कर रहे हैं। इसके अलावा सेना के विशेष बलों और खोजी कुत्तों को भी तैनात किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि यह इलाका घने जंगलों से घिरा है जिसमें गहरी घाटियां, गुफाएं और कठिन भूस्थिति है। इसके अलावा जवानों को बारिश और धुंध जैसी विपरीत मौसमी घटनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि अंतर राज्यीय सुरक्षा समीक्षा बैठक में जम्मू- कश्मीर और पंजाब से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमापार से होने वाली घुसपैठ से निपटने, जम्मू संभाग और सीमावर्ती पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की गई।

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि उक्त खाना आतंकवादियों के लिए था। दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने कठुआ में अहम बैठक की और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।

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