पेरिस ओलंपिक 2024: भाला फेंक में अरशद नदीम ने रचा इतिहास, इनाम की राशि पर उठे सवालपेरिस ओलंपिक 2024: भाला फेंक में अरशद नदीम ने रचा इतिहास, इनाम की राशि पर उठे सवाल

Paris Olympics 2024: Arshad Nadeem creates history in javelin throw, questions raised on prize money
Paris Olympics 2024: Arshad Nadeem creates history in javelin throw, questions raised on prize money

पेरिस ओलंपिक 2024 में भाला फेंक प्रतिस्पर्धा के दौरान इतिहास रचा गया, जब पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर की अविश्वसनीय थ्रो के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनके इस प्रदर्शन ने न केवल उन्हें स्वर्ण पदक दिलाया, बल्कि उन्हें ओलंपिक इतिहास में नया रिकॉर्ड स्थापित करने का गौरव भी दिलाया। इस जीत के साथ, अरशद नदीम पाकिस्तान के पहले एथलीट बन गए जिन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता है।

अरशद की इस असाधारण उपलब्धि के लिए उन्हें $50,000 की इनाम राशि दी गई, जो पाकिस्तानी मुद्रा में लगभग 1 करोड़ 40 लाख रुपये के बराबर है। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके देश को गर्व महसूस कराया, बल्कि वैश्विक खेल मंच पर पाकिस्तान का नाम भी रोशन किया।

दूसरी ओर, भारत के नीरज चोपड़ा, जिन्होंने ओलंपिक में लगातार दूसरा पदक जीतकर भारतीय खेल जगत में एक नई मिसाल कायम की, उन्हें इस बार के सिल्वर पदक के लिए कोई आर्थिक इनाम नहीं मिला। विश्व एथलेटिक्स के नए नियम के अनुसार, इस बार केवल स्वर्ण पदक विजेताओं को ही इनाम राशि दी गई। यह बदलाव 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक से सिल्वर और ब्रॉन्ज पदक विजेताओं पर भी लागू होगा।

इस फैसले के बाद खेल जगत में इनाम राशि और पुरस्कार के अन्य मुद्दों पर बहस छिड़ गई है। एक ओर अरशद नदीम की जीत का जश्न मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नीरज चोपड़ा की उपलब्धि, जो बिना किसी वित्तीय इनाम के बावजूद भी भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है, चर्चा का विषय बनी हुई है।

पेरिस ओलंपिक ने जहां खेल जगत को कई यादगार पल दिए हैं, वहीं इसने पुरस्कार वितरण के बदलते नियमों और उनके प्रभावों पर भी सवाल खड़े किए हैं। खेल प्रेमी और विशेषज्ञ अब इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि भविष्य में ओलंपिक खेलों में इन विवादों को कैसे सुलझाया जाएगा और सभी खिलाड़ियों की उपलब्धियों को समान रूप से कैसे सम्मानित किया जाएगा।

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