योग के अभ्यास से गठिया रोग (rheumatoid arthritis) के मरीजों को मिल सकती है राहत: AIIMS study

AIIMS द्वारा किए गए एक अध्ययन से यह पता चला है कि योग का अभ्यास रुमेटोइड आर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। यह दीर्घकालिक आटोइम्यून बीमारी जोड़ों में सूजन, नुकसान और दर्द का कारण बनती है और साथ ही फेफड़ों, दिल और मस्तिष्क जैसे अन्य अंग प्रणालियों को भी प्रभावित कर सकती है।

एम्स के एनाटामी विभाग की आणविक प्रजनन और आनुवंशिकी प्रयोगशाला में डॉ. रीमा दादा और उनकी टीम ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (डीएसटी) के सहयोग से यह अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया कि नियमित योग अभ्यास से रोगियों को जोड़ों के दर्द में राहत मिली, विकलांगता में कमी आई और जीवन की समग्र गुणवत्ता में वृद्धि हुई।

योग के स्वास्थ्य लाभ

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी इस बात की पुष्टि की है कि योग में रुमेटोइड आर्थराइटिस से पीड़ित व्यक्तियों को राहत प्रदान करने की क्षमता है। आणविक प्रजनन और आनुवंशिकी प्रयोगशाला, एनाटामी विभाग और रूमेटोलाजी विभाग, एम्स ने आरए रोगियों पर योग के कोशिकीय और आणविक प्रभावों का अध्ययन किया।

अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष

अध्ययन में यह पाया गया कि योग कोशिकीय टूटफूट और आक्सीडेटिव स्ट्रेस (ओएस) को नियंत्रित करके सूजन को कम करता है। इसके अलावा, योग प्रो-और एंटी-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के बीच संतुलन बनाए रखने, हार्मोन एंडोर्फिन के स्तर को बढ़ाने, कोर्टिसोल और सीआरपी के स्तर को कम करने और मेलाटोनिन लय को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह अंततः सूजन और अतिसक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली चक्र को बाधित करता है।

आणविक स्तर पर योग के प्रभाव

आणविक स्तर पर, योग डीएनए की मरम्मत और कोशिका चक्र विनियमन में शामिल टेलोमेरेज़ एंजाइम और जीन की गतिविधि को बढ़ाकर कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इसके अलावा, योग माइटोकॉन्ड्रियल फंक्शन में भी सुधार करता है, जिससे कोशिकाओं की ऊर्जा उत्पादन क्षमता में वृद्धि होती है।

इस अध्ययन के परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि योग रुमेटोइड आर्थराइटिस के मरीजों के लिए एक प्रभावी और सहायक चिकित्सा हो सकती है। यह न केवल दर्द और सूजन को कम करता है, बल्कि रोगियों के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारता है।

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