भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ने हाल ही में एंटोड फ़ार्मास्यूटिकल्स के PresVu आई ड्रॉप को मंजूरी दी है, जो प्रेसबायोपिया का इलाज करने के लिए बनाया गया है। प्रेसबायोपिया एक सामान्य आयु से संबंधित स्थिति है, जिसमें नज़दीकी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। PresVu भारत का पहला स्वीकृत आई ड्रॉप है जो इस समस्या के समाधान के लिए विकसित किया गया है, और यह नेत्र देखभाल के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रेसबायोपिया क्या है?
प्रेसबायोपिया आमतौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को प्रभावित करता है, जिससे पढ़ने या नज़दीकी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है। यह समस्या स्वाभाविक रूप से तब उत्पन्न होती है जब आंख का लेंस लचीलेपन को खोने लगता है, जिससे नज़दीकी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। वैश्विक स्तर पर अनुमानित 1.09 से 1.80 अरब लोग प्रेसबायोपिया से पीड़ित हैं।
PresVu कैसे काम करता है?
PresVu को उन्नत डायनामिक बफर टेक्नोलॉजी का उपयोग करके तैयार किया गया है, जिससे यह आंखों के पीएच स्तर के अनुसार तेजी से अनुकूल हो जाता है और लंबे समय तक प्रभावी रहता है। यह आई ड्रॉप लगाने के 15 मिनट के भीतर नज़दीकी दृष्टि में सुधार करता है, जिससे यह पढ़ने के चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस का एक सरल और प्रभावी विकल्प बन जाता है। इसके अलावा, यह आंखों को नमी और सुरक्षा भी प्रदान करता है।
प्रमुख लाभ:
- 15 मिनट में नज़दीकी दृष्टि में सुधार।
- पढ़ने के चश्मे के बिना गैर-आक्रामक समाधान।
- आंखों को नमी और आराम प्रदान करता है।
- उन्नत डायनामिक बफर टेक्नोलॉजी के कारण लंबी अवधि तक प्रभावी।
चिकित्सीय क्षमता
विशेषज्ञ जैसे डॉ. आदित्य सेठी और डॉ. धनंजय बखले का मानना है कि PresVu प्रेसबायोपिया के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। यह एक सरल और गैर-आक्रामक विकल्प प्रदान कर लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है, जो दैनिक गतिविधियों के लिए पढ़ने के चश्मे पर निर्भर रहते हैं।