प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थशास्त्रियों के साथ चर्चा की, बजट में विकसित भारत का खाका रखे जाने की संभावना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बजट को लेकर अर्थशास्त्रियों के विचार और सुझाव जानने के लिए गुरुवार को उनके साथ बैठक की। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक्स’ पर यह जानकारी दी और बैठक से संबंधित फोटो भी सार्वजनिक किए। विदेश दौरे के बाद प्रधानमंत्री की बजट से संबंधित यह पहली बैठक थी। बैठक में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण समेत वित्त विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी। बैठक में जाने-माने अर्थशास्त्रियों के अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी और अन्य सदस्य शामिल हुए। बैठक में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन और योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन और अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, अशोक गुलाटी सहित अन्य लोग उपस्थित थे। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला प्रमुख आर्थिक दस्तावेज होगा। इसमें अन्य बातों के अलावा, 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का खाका पेश किए जाने की उम्मीद है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पिछले महीने संसद की संयुक्त बैठक में अपने संबोधन में संकेत दिया था कि सरकार सुधारों की गति को तेज करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के दृष्टिकोण का एक प्रभावी दस्तावेज होगा। सीतारमण आगामी बजट पर पहले ही अर्थशास्त्रियों और भारतीय उद्योग जगत के प्रमुखों सहित विभिन्न पक्षों के साथ विचार- विमर्श कर चुकी हैं। कई विशेषज्ञों ने सरकार से उपभोग को बढ़ावा देने के लिए आम आदमी को कर में राहत देने और मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने और आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। सीतारमण ने लोकसभा चुनाव के कारण इस साल फरवरी में 2024-25 का अंतरिम बजट पेश किया था। संसद का बजट सत्र आगामी 22 जुलाई से शुरू होने जा रहा है और यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र के लिए राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। इस सत्र के दौरान ही वित्तमंत्री देश का बजट पेश करेंगी। इससे पूर्व एक फरवरी को संसद के सत्र के दौरान अंतरिम बजट को मंजूरी दी गई थी। यह संसद में निर्मला सीता रमण का लगातार सातवां बजट होगा और जो कि अपने आप में एक कीर्तिमान होगा। इससे पूर्व यह कीर्तिमान मोरारजी देसाई के नाम था। इस बजट के लिए वित्त मंत्रालय में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है।

यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला प्रमुख आर्थिक दस्तावेज होगा। इसमें अन्य बातों के तों के अलावा, 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का खाका पेश किए जाने की उम्मीद है।

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