प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की बैठक ने शुक्रवार को देश भर में नई सड़कों के निर्माण की आठ महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं पर केंद्र सरकार 50,655 करोड़ रुपये खर्च करेगी और इसके तहत 936 किलोमीटर लंबे मार्ग बनाए जाएंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक संवाददाता सम्मेलन में इन योजनाओं की जानकारी दी। नई परियोजनाओं से शहरी मार्ग पर बढ़ते बोझ को कम किया जा सकेगा।
कानपुर रिंग रोड: कानपुर में यातायात की समस्या से निजात पाने के लिए 47 किलोमीटर लंबा, छह लेन का एक रिंग रोड तैयार किया जाएगा। इस परियोजना पर 3,298 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह रिंग रोड शहर के बाहरी हिस्से से वाहनों को आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे कानपुर में ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी। यह रिंग रोड विभिन्न राजमार्गों से जुड़ा होगा, जिससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच यात्रा करने वाले वाहन चालकों को लाभ मिलेगा।
अयोध्या रिंग रोड: अयोध्या में 68 किलोमीटर लंबा चार लेन का नया रिंग रोड बनाया जाएगा। इस परियोजना पर 3,435 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह अयोध्या आने वाले देसी-विदेशी मेहमानों के साथ-साथ अयोध्या एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से जुड़ेगा।
रायपुर-रांची हाइस्पीड कॉरिडोर: रायपुर और रांची के बीच पैथल गांव और घूमला के बीच 137 किलोमीटर लंबा चार लेन का मार्ग तैयार किया जाएगा। इस परियोजना पर 4,473 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह मार्ग औद्योगिक क्षेत्रों के बीच एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में कार्य करेगा।
ग्वालियर कॉरिडोर: केंद्र सरकार आगरा और ग्वालियर के बीच एक छह लेन का कॉरिडोर बनाएगी, जिससे यात्रा समय में 50 प्रतिशत की बचत होगी। इस परियोजना पर 4,613 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह उत्तर दक्षिण कॉरिडोर का हिस्सा होगा, जिससे श्रीनगर से कन्याकुमारी जाने वाले वाहनों को राहत मिलेगी।
खड़कपुर-मोरेग्राम कॉरिडोर: पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए 231 किलोमीटर लंबा चार लेन का खड़कपुर-मोरेग्राम कॉरिडोर बनाया जाएगा। इस परियोजना पर 10,247 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह यात्रा समय को नौ से दस घंटे से घटाकर तीन से पांच घंटे कर देगा।
थराड-अहमदाबाद कॉरिडोर: गुजरात में थराड से अहमदाबाद के बीच 214 किलोमीटर लंबा छह लेन का हाइस्पीड कॉरिडोर बनाया जाएगा। इस परियोजना पर 10,534 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह दो राष्ट्रीय राजमार्गों अमृतसर-जामनगर और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस मार्ग को जोड़ेगा, जिससे यात्रा समय में 60 प्रतिशत की बचत होगी।
गुवाहाटी बाइपास और मार्ग सुधार: गुवाहाटी के लिए एक नया बाइपास तैयार किया जाएगा और यहां के वर्तमान राजमार्ग को भी सुधारा जाएगा।
ये सभी परियोजनाएँ न केवल यात्रा समय को कम करेंगी बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में यातायात के दबाव को भी कम करेंगी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगी।