रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘Order of St. Andrew the Apostle’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रदान किया गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से नवाजा गया है। यह सम्मान उन्हें रूस और भारत की मित्रता को और मजबूत बनाने के उनके अथक प्रयासों के लिए दिया गया है। इस सम्मान को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को प्रदान किया। मोदी ने इस सम्मान को भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान बताया और इसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में दो दिवसीय रूस दौरे पर हैं। इस दौरान उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित किया गया। यह अवॉर्ड रूस के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान राष्ट्रपति पुतिन ने दिया। समारोह का आयोजन ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू के ग्रांड हॉल में किया गया था, जो सदियों से रूस में विशेष समारोहों के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।

राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित करते हुए कहा कि उन्हें यह सम्मान देते हुए बहुत खुशी हो रही है। पुतिन ने मोदी की भारत और रूस के बीच की दोस्ती और साझेदारी को मजबूत करने के प्रयासों की सराहना की। पुतिन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध और भी प्रगाढ़ हुए हैं।

सम्मानित किए जाने के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, ‘रूस के सर्वोच्च अवॉर्ड से सम्मानित किए जाने के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं। यह केवल मेरा ही नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और रूस की सदियों पुरानी मित्रता का सम्मान है। पिछले लगभग ढाई दशक से आपके नेतृत्व में भारत और रूस के संबंध हर दिशा में मजबूत हुए हैं और हर बार नई ऊंचाइयों को प्राप्त करते रहे हैं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत और रूस के संबंध केवल दोनों देशों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वैश्विक वातावरण में स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए यह साझेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। मोदी ने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में भी दोनों देश इसी दिशा में काम करते रहेंगे।

‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ की स्थापना साल 1698 में सार पीटर द ग्रेट ने की थी। यह अवॉर्ड सेंट एंड्रयू के सम्मान में शुरू किया गया था, जिन्हें जीसस का पहला दूत और रूस का संरक्षक संत माना जाता है। इस सम्मान को उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए प्रदान किया जाता है। सेंट एंड्रयू का महत्व रूस में बहुत अधिक है, और इसी कारण यह अवॉर्ड रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में गिना जाता है।

प्रधानमंत्री मोदी के इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद भारत और रूस के संबंधों में और भी मजबूती आने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और भी प्रगाढ़ हो रही है, जो कि वैश्विक स्तर पर स्थिरता और शांति के लिए महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि दोनों देशों के बीच संबंधों को और भी मजबूत किया जाए, ताकि वैश्विक शांति और स्थिरता को बनाए रखा जा सके।

यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनके द्वारा किए गए प्रयासों का सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत किया है और विभिन्न देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को और भी प्रगाढ़ किया है। प्रधानमंत्री मोदी का यह सम्मान प्राप्त करना न केवल उनके नेतृत्व की प्रशंसा है, बल्कि यह भारत और रूस के बीच की गहरी मित्रता का प्रतीक भी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि भारत और रूस के संबंध केवल आर्थिक या राजनीतिक नहीं हैं, बल्कि यह दोनों देशों के लोगों के बीच की मित्रता और सांस्कृतिक संबंधों पर आधारित हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच संबंध और भी मजबूत होंगे और दोनों देश मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करेंगे।

इस प्रकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित किया जाना भारत और रूस के बीच की गहरी मित्रता का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह सम्मान न केवल प्रधानमंत्री मोदी की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारत के 140 करोड़ लोगों के लिए गर्व का क्षण है। इस सम्मान के माध्यम से, दोनों देशों के बीच की साझेदारी और भी प्रगाढ़ हो गई है और यह वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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