संजय ने पॉलीग्राफ टेस्ट में किया जुर्म कबूल, उसने ही ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया और फिर उसकी हत्या की

Lie detector test of prime accused Sanjay Roy and 6 others including former principal Sandip Ghosh begins
Lie detector test of prime accused Sanjay Roy and 6 others including former principal Sandip Ghosh begins

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में घटित एक चौंकाने वाले रेप और मर्डर केस में, मुख्य आरोपी संजय रॉय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया है। यह घटना 8 और 9 अगस्त की रात को हुई थी, जिसमें एक ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। 9 अगस्त की सुबह, मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में डॉक्टर की अर्धनग्न अवस्था में लाश मिली थी।

संजय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान खुलासा किया कि घटना की रात वह शराब के नशे में था। उसने पहले रेडलाइट एरिया का दौरा किया, जहां उसने एक लड़की को छेड़ा और फिर अपनी गर्लफ्रेंड से न्यूड तस्वीरें मांगी। इसके बाद, सुबह के करीब 4 बजे, संजय हॉस्पिटल के सेमिनार हॉल पहुंचा और वहां ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी। संजय ने पुलिस कस्टडी में भी इस अपराध को स्वीकारा था, जिससे मामले में उसकी संलिप्तता और बढ़ गई।

पॉलीग्राफ टेस्ट में हुए खुलासे:

  1. ट्रेनी डॉक्टर की हत्या का कबूलनामा: संजय रॉय ने पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान स्वीकार किया कि उसने ही 8 और 9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया और फिर उसकी हत्या की। यह टेस्ट CBI और सेंट्रल फोरेंसिक टीम के सदस्यों द्वारा 25 अगस्त को किया गया, जिसमें संजय ने सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया।
  2. शराब पीने और रेडलाइट एरिया में बिताई रात: संजय ने बताया कि घटना से पहले उसने अपने एक दोस्त के साथ शराब पी थी और फिर रेडलाइट एरिया गया था। उसने एक लड़की से छेड़छाड़ भी की थी और देर रात अपनी गर्लफ्रेंड से वीडियो कॉल पर न्यूड तस्वीरें मांगी थीं।
  3. हत्या के बाद के घटनाक्रम: हत्या के बाद संजय अपने दोस्त के घर गया, जो कोलकाता पुलिस में अधिकारी है। उसने इस पूरी घटना को अपने दोस्त से छिपाया और पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।

संजय की गिरफ्तारी और कोर्ट में पेशी:

संजय को 10 अगस्त को घटना के अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद उसे 14 अगस्त को सियालदह कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में रोते हुए संजय ने दावा किया कि उसने कोई अपराध नहीं किया और उसे फंसाया जा रहा है। उसने कहा कि पॉलीग्राफ टेस्ट से उसकी बेगुनाही साबित हो सकती है। हालांकि, CBI ने कोर्ट में दावा किया कि संजय ने पहले ही अपना जुर्म कबूल कर लिया है और उसे किसी भी तरह का पछतावा नहीं है।

CBI की कार्रवाई और आगे की जांच:

इस मामले में CBI ने 24 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की। CBI ने संदीप घोष के घर पर छापा मारा और उनका पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया। संदीप घोष पर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी का भी आरोप है। यह छापेमारी और जांच 25 अगस्त को हुई, जिसमें संदीप घोष और उनके सहयोगियों के 15 ठिकानों पर तलाशी ली गई।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी:

इस मामले में 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने कोलकाता पुलिस और अस्पताल प्रशासन के रवैये पर कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि पुलिस और अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में गंभीर लापरवाही बरती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस को सुबह 10:10 बजे सूचना मिली थी कि एक ट्रेनी डॉक्टर अस्पताल में बेहोश मिली है, लेकिन FIR रात 11:45 बजे दर्ज की गई। जबकि, FIR सबसे पहले दर्ज होनी चाहिए थी और इसमें अननैचुरल डेथ का जिक्र होना चाहिए था। पुलिस ने 6 और 7 बजे के बीच में शव का पोस्टमॉर्टम भी करवा दिया और लड़की का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया।

जेल में संजय का हाल:

संजय रॉय को प्रेसीडेंसी करेक्शनल होम के VIP वार्ड में न्यायिक हिरासत में रखा गया है, जहां बंगाल के पूर्व मंत्रियों पार्थ चटर्जी और ज्योतिप्रिया मलिक जैसे चर्चित कैदी भी बंद हैं। हालांकि, संजय को इनसे अलग रखा गया है। संजय ने जेल प्रशासन से सोने की इजाजत मांगी थी, क्योंकि वह पिछले दो सप्ताह से लगातार हो रही पूछताछ से थक गया था। उसने कहा कि शुरुआती दिनों में देर रात तक पूछताछ चलती थी, जिससे वह मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत थक गया है और उसे आराम की सख्त जरूरत है।

इस मामले ने कोलकाता में सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। CBI द्वारा की जा रही जांच और संजय के कबूलनामे ने इस मामले को और भी पेचीदा बना दिया है, जिससे अब आगे की जांच और भी महत्वपूर्ण हो गई है।

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